सिर्फ Eco-friendly गणेश प्रतिमा ही नहीं, बल्कि ऐसे मनाएं इको-फ्रेंडली गणेश उत्सव

Published : Sep 22, 2023, 08:02 AM ISTUpdated : Sep 22, 2023, 08:08 AM IST
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सार

Eco friendly Ganesh Utsav celebration: 10 दिनों तक चलने वाले गणपति उत्सव का धमाकेदार आगाज हो चुका है। ऐसे में कैसे आप इस महाउत्सव को इको फ्रेंडली बना सकते हैं आइए हम आपको बताते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क: पर्यावरण का संरक्षण कितना ज्यादा जरूरी है यह हम सभी जानते हैं, इसलिए ऐसी चीजों से बचने की सलाह दी जाती है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। ठीक इसी तरह से गणपति उत्सव के दौरान भी इको फ्रेंडली सेलिब्रेशन पर जोर दिया जाता है। इको फ्रेंडली गणेश उत्सव में सिर्फ मिट्टी से बनी गणपति प्रतिमा ही नहीं बल्कि पंडालों और घरों में इस्तेमाल होने वाली लाइट्स, गणपति प्रतिमा का विसर्जन और सजावट भी इको फ्रेंडली होनी चाहिए। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि कैसे आप 10 दिनों तक इको फ्रेंडली गणेश चतुर्थी मना सकते हैं।

पर्यावरण को नुकसान पहुंचती है POP की मूर्तियां

POP मूर्तियां नॉन-बायोडिग्रेडेबल है और हानिकारक रसायनों को पानी में छोड़ती है, जिससे जल प्रदूषण होता है। दूसरी ओर मूर्तियों में इस्तेमाल होने वाला केमिकल रंग पानी को दूषित करता है और सजावट की चीजें भी पानी में जाकर नहीं घुलती नहीं है जिससे जल प्रदूषण होता है।

इन चीजों से बनी मूर्तियों का उपयोग करें

सबसे पहले तो बात आती है गणेश प्रतिमा की, तो हमेशा मिट्टी, पेपर मैच या नेचुरल फाइबर इस्तेमाल करके बनी गणेश मूर्तियों को ही चुनें। यह मूर्तियां बायोडिग्रेडेबल है और नदी तालाब में विसर्जित करने पर जलीय जीव को नुकसान नहीं पहुंचती है।

इको फ्रेंडली गणेश उत्सव में ऐसे करें विसर्जन

इको फ्रेंडली गणेश उत्सव मनाने के लिए सिर्फ मिट्टी की प्रतिमा लेना जरूरी ही नहीं है, बल्कि इनका विसर्जन भी सही तरीके से करना जरूरी है। मूर्तियों को नदी जल तालाब में विसर्जित करने के जगह आर्टिफिशियल टैंकों या टबो में उन्हें विसर्जित करें। विसर्जन के बाद मिट्टी और पानी को आप गमले में डाल सकते हैं या इसका इस्तेमाल किसी और चीज में कर सकते हैं।

नेचुरल और इको फ्रेंडली सजावट करें

पंडालों और घरों के लिए फूलों, पत्तियों और इको फ्रेंडली सजावट जैसी सामग्री का उपयोग करें। पर्यावरण प्रदूषण में योगदान देने वाले प्लास्टिक और सिंथेटिक मटेरियल से बचें।

रीसाइक्लिंग पर जोर दें

गणेश उत्सव के बाद सजावट के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों को ऐसे ही फेंके नहीं, बल्कि फूल पत्तियों से खाद बनाया जा सकता है या अन्य चीजों में भी इसका उपयोग किया जाता है। इससे बर्बादी कम होती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता है।

इको फ्रेंडली लाइट डेकोरेशन

गणपति पंडालों या घरों में बड़ी-बड़ी और हैवी लाइट्स लगाने की जगह आप इको फ्रेंडली लाइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे- एलइडी लाइट्स या नेचुरल लैंप का इस्तेमाल किया जा सकता है।

सामुदायिक पहल है जरूरी

सिर्फ एक इंसान के इको फ्रेंडली गणेश उत्सव मनाने से कुछ नहीं होगा बल्कि पर्यावरण अनुकूल समारोह को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक पहल बहुत ज्यादा जरूरी है। इसमें पर्यावरण अनुकूल मूर्तियां, त्योहार की बाद साफ सफाई और जागरूकता अभियान शामिल हो सकते हैं।

और पढ़ें- गणपति महोत्सव में पैदा हो लल्ला, तो उसे दें बप्पा के ये 10 नाम

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