Good Friday 2023:गुड फ्राइडे का पवित्र सप्ताह शुरू, भूलकर भी ना करें ये काम

Good Friday 2023: गुड फ्राइडे 7 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा। पाम संडे के बाद गुड फ्राइडे का पवित्र सप्ताह शुरू हो गया है। पूरे सप्ताह प्रभु यीशु से ईसाई समुदाय के लोग अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में और भी बहुत कुछ।

लाइफस्टाइल डेस्क. गुड फ्राइडे 7 अप्रैल 2023 (good friday 2023) को मनाया जाना है। संडे यानी 2 अप्रैल को पाम संडे का पर्व श्रद्धा और  उत्साह के साथ मनाया गया। इसी के साथ क्रिश्चियन समुदाय का गुड फ्राइडे का पवित्र सप्ताह शुरू हो गया है। ईसाई धर्म के लोग प्रभु यीशु की याद में इसे मनाते हैं। हालांकि यह शोक का पर्व है, क्योंकि गुड फ्राइडे को ही प्रभु यीशु को सूली चढ़ाया गया था।

मानव जाति के कल्याण के लिए प्रभू यीशु चढ़ गए सूली

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बाइबल के मुताबिक मानव जाति के कल्याण के लिए प्रभु ईसा मसीह ने हंसते-हंसते बलिदान दे दिया था। यहूदी शासकों ने कई तरह की शारीरिक और मानसिक यातनाएं उन्हें दी। इसके बाद उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। जिस दिन उन्हें सूली पर चढ़ाया गया उस दिन शुक्रवार था। इसलिए इस दिन को ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाते हैं। कहा जाता है कि जिस जगह पर ईसा मसीह को क्रॉस पर चढ़ाया गया था उस जगह का नाम गोलगोथा था।

ईस्टर संडे क्यों मनाया जाता है

सूली पर चढ़ाए जाने के तीन दिन बाद प्रभु ईसा मसीह फिर से जिंदा हो गये थे। संडे को वो फिर से वापस आ गए थे इसलिए इस दिन ईस्टर संडे (easter sunday 2023) के रूप में मनाया जाता है। प्रभु की वापसी से सभी जगह खुशी का माहौल हो गया था।

गुड फ्राइडे कैसे मनाते हैं

गुड फ्राइडे की तैयारी 40 दिन पहले से शुरू हो जाती है। प्रभू को चाहने वाले 40 दिन तक उपवास रखते हैं। कुछ लोग शुक्रवार को उपवास करते हैं। जिसे लेंट कहा जाता है। चूकि यह बलिदान का पर्व है इसलिए इस दिन चर्च में रौनक नहीं होती है। चर्च और घरों के सजावट को ब्लैक कपड़े से ढक दिया जाता है। लोग काले कपड़े पहनकर शोक जाते हैं। पाम संडे के बाद पूरे सप्ताह और गुड फ्राइडे को प्रभू यीशु की आराधना की जाती है। उनसे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। प्रभु यीशु के अंतिम सात वाक्यों को दोहराया जाता है। ईसाई कार्य को बढ़ाने के लिए दान देते हैं।

गुड फ्राइडे के दिन ना करें ये काम

गुड फ्राइडे के दिन खुशी नहीं मनानी चाहिए और ना ही डार्क कलरफुल कपड़े पहनना चाहिए। ईसाई धर्म में घंटी का विशेष महत्व होता है। लेकिन इस दिन घंटी बजाने से मना किया जाता है। चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती हैं। भूलकर भी इस दिन घंटी नहीं बजाना चाहिए।

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