Guru Nanak Jayanti 2025 Speech: 3 मिनट की 3 स्पीच, गुरु नानक जयंती इवेंट पर करें यूज

Published : Nov 03, 2025, 09:49 PM IST
गुरु नानक जयंती की स्पीच

सार

Speech on guru nanak jayanti in hindi: गुरु नानक देव जी ने मानवता को दिखाया कि सच्चा धर्म दूसरों की सेवा करना है, न कि केवल पूजा करना। गुरु नानक जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला सिखाने वाला दिवस है। 

हर युग में कोई न कोई ऐसी आत्मा जन्म लेती है, जो इंसानियत को उसकी असली पहचान याद दिलाती है। ऐसे ही एक प्रकाशपुंज गुरु नानक देव जी थे, जिनकी शिक्षाएं न केवल सिख धर्म बल्कि पूरी मानवता के लिए एक मार्गदर्शक बन गईं। उन्होंने हमें सिखाया कि ईश्वर किसी एक जगह नहीं, बल्कि हर दिल में बसता है। आज जब दुनिया जाति, धर्म और भेदभाव की दीवारों में बंट रही है, गुरु नानक देव जी का संदेश हमें फिर से जोड़ने आता है नाम जपो, किरत करो और वंड छको यानी ईश्वर को याद करो, ईमानदारी से काम करो और जो मिले उसे बांटो। गुरु नानक जयंती सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह मानवता की पुनर्स्थापना का दिन है एक ऐसा दिन जब हम खुद से पूछते हैं क्या हम सच में इंसानियत निभा रहे हैं? इसलिए इस गुरु पर्व के लिए हम आपको बेस्ट 3 स्पीच बता रहे हैं जिन्हें आप स्कूल और ऑफिस इवेंट के लिए चुन सकती हैं। 

गुरु नानक जयंती पर भाषण (Guru Nanak Jayanti Speech for School & Office)

आदरणीय प्रिंसिपल, शिक्षकों, और मेरे प्यारे साथियों / सम्मानीय सहकर्मियों, नमस्कार। आज हम सभी यहां सिख धर्म के संस्थापक, महान संत और आध्यात्मिक गुरु गुरु नानक देव जी की जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। गुरु नानक देव जी ने हमें जीवन का सच्चा अर्थ समझाया – एक ओंकार, यानी भगवान एक ही है, जो सबमें समान रूप से विद्यमान है। उन्होंने भेदभाव, अंधविश्वास और जात-पात के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि ना कोई ऊंचा, ना कोई नीचा, सब एक ही परमात्मा की संतान हैं। गुरु जी ने हमें तीन मुख्य सिद्धांत दिए —

  • नाम जपो (भगवान का स्मरण करो) 
  • कीर्तन करो (ईमानदारी से काम करो) 
  • वंड छको (अपना धन और भोजन दूसरों के साथ बांटो)

इन शिक्षाओं का पालन करके हम समाज में प्रेम, समानता और शांति ला सकते हैं। आज के दौर में जब दुनिया बंटवारा और कॉम्पटीशन में उलझी है, गुरु नानक देव जी की सीख हमें एकता और करुणा का रास्ता दिखाती है। इस पावन दिन पर हम सभी संकल्प लें कि हम उनके बताए मार्ग पर चलेंगे, सच बोलेंगे, मेहनत करेंगे और जरूरतमंदों की मदद करेंगे। धन्यवाद! वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।

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गुरु नानक जयंती पर निबंध (Essay on Guru Nanak Jayanti in Hindi) 

गुरु नानक जयंती सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। यह दिन कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आता है। इस दिन सिख समुदाय में विशेष उत्साह होता है और गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर और निशान साहिब यात्रा का आयोजन किया जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को राइ भोई की तलवंडी (अब ननकाना साहिब) में हुआ था। उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी था। बचपन से ही वे धार्मिक और दयालु स्वभाव के थे। उन्होंने अपना जीवन मानवता की सेवा, समानता और सत्य के प्रचार में समर्पित किया।

गुरु नानक जी की प्रमुख शिक्षाएं: ईश्वर एक है और वह हर जगह मौजूद है। सभी मनुष्य समान हैं, किसी भी जाति, धर्म या लिंग का भेदभाव नहीं होना चाहिए। ईमानदारी से कार्य करना सबसे बड़ा धर्म है। साझा करना और दूसरों की सेवा करना सच्ची भक्ति है। स्त्री का सम्मान करना और उसे समान अधिकार देना समाज की उन्नति का आधार है।

गुरु नानक जयंती का महत्व: इस दिन सिख श्रद्धालु ‘नगर कीर्तन’ निकालते हैं, गुरुद्वारों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है। लोग गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं और सभी को लंगर में समान रूप से भोजन कराया जाता है। यह दिन हमें गुरु नानक जी की उस सोच की याद दिलाता है, जिसमें उन्होंने कहा था — सच्ची सेवा वही है जो बिना स्वार्थ के की जाए।

ऑफिस के लिए गुरु नानक जयंती का भाषण (Guru Nanak Jayanti Speech for Corporate/Office Event)

सम्मानित सहयोगियों, वरिष्ठों और सभी उपस्थित लोगों को मेरा नमस्कार। आज हम एक ऐसे महान संत की जयंती मना रहे हैं जिन्होंने मानवता को नया मार्ग दिखाया, गुरु नानक देव जी। वे न सिर्फ सिख धर्म के संस्थापक थे, बल्कि उन्होंने पूरे विश्व को समानता, सादगी और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी। गुरु नानक जी ने कहा था — जो दूसरों की सेवा करता है, वही सच्चा भक्त है। उन्होंने हमें जीवन के तीन सिद्धांत दिए - 

  • कड़ी मेहनत करो (Kirat Karo)
  • सच्चे दिल से भगवान का नाम लो (Naam Japo)
  • अपना सुख दूसरों के साथ बाँटो (Vand Chhako)

अगर हम इन बातों को अपने प्रोफेशनल और पर्सनल जीवन में अपनाएं, तो न केवल हमारी टीम मजबूत होगी, बल्कि समाज में भी सकारात्मकता बढ़ेगी। गुरु नानक देव जी का संदेश केवल धार्मिक नहीं था, बल्कि यह लीडरशिप, इथिक्स और टीमवर्क की भी मिसाल है। उन्होंने सिखाया कि हर इंसान की आवाज मायने रखती है और हर काम में ईमानदारी ही सबसे बड़ा धर्म है। आइए इस अवसर पर हम यह संकल्प लें कि अपने जीवन में सेवा, सत्य और समर्पण के मूल्यों को अपनाएंगे। धन्यवाद और सभी को गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं।

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स्कूल के लिए गुरु नानक जयंती का भाषण (Guru Nanak Jayanti Speech for Students)

आदरणीय प्रिंसिपल सर/मैडम, शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों को नमस्कार। आज हम सब एक बहुत ही पावन अवसर पर एकत्र हुए हैं गुरु नानक जयंती मनाने के लिए। यह दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में पूरे भारत और विदेशों में श्रद्धा से मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी ने हमें सिखाया कि ईश्वर एक है, वह हर जगह मौजूद है और सभी जीव उसी का अंश हैं।

गुरु जी ने अपने जीवन से यह दिखाया कि इंसान की पहचान उसके कर्मों से होती है, न कि उसके धर्म या जाति से। उन्होंने सिखाया कि सच्ची पूजा वही है जिसमें इंसान दूसरों की सेवा करे और सबमें ईश्वर को देखे। आज के समय में जब लोग छोटी-छोटी बातों पर अलग हो जाते हैं, गुरु नानक देव जी की शिक्षा हमें जोड़ती है वो कहती है सबको प्रेम करो, क्योंकि वही ईश्वर का रूप है। धन्यवाद, और आप सभी को गुरु नानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।

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