World Jellyfish Day 2025: धरती पर अरबों सालों से मौजूद ये छोटी सी जेलीफिश हमें याद दिलाती है कि मौत अंत नहीं, जिसे बदला भी जा सकता है। जानें जेलीफिश साइंस के सीक्रेट।
क्या हो अगर आपको कोई ऐसा जीव दिखे, जो कभी बूढ़ा नहीं होता, जिसे मौत छू भी नहीं सकती और जो चाहे तो फिर से अपने बचपन में लौट सकता है? साइंस फिक्शन जैसा लगता है न? लेकिन ये कोई कहानी नहीं, बल्कि सच्चाई है Immortal Jellyfish (Turritopsis dohrnii) नाम के इस छोटे से समुद्री जीव की। हर साल 3 नवंबर को मनाया जाने वाला World Jellyfish Day इसी रहस्यमयी प्रजाति के लिए मनाया जाता है। जहां इंसान बुढ़ापे को रोकने के लिए लाखों रुपये स्किन केयर, सप्लीमेंट्स और एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स पर खर्च करता है, वहीं ये छोटी सी जेलीफिश बिना किसी महंगे प्रोडक्ट के खुद को फिर से जवान बना लेती है।
खुद को रीसेट करती है Immortal Jellyfish
इस जेलीफिश की सबसे अनोखी खासियत है कि यह मरने से पहले खुद को अपनी शुरुआती अवस्था (Polyp Stage) में बदल लेती है। यानि जैसे किसी ने इसके अंदर एक रीसेट बटन डाल दिया हो। जब इसे किसी खतरे, चोट या बुढ़ापे का अहसास होता है, तो यह खुद को बदलकर वापस अपने शुरुआती बचपन जैसे रूप में लौट आती है और वहीं से जीवन का नया चक्र शुरू कर देती है। इस प्रक्रिया को Transdifferentiation कहा जाता है। इसमें इसके शरीर की सेल अपनी पहचान और काम को बदल लेती हैं। पुराने, बूढ़े सेल्स फिर से नए, एक्टिव और हेल्दी सेल्स में बदल जाते हैं। यही वजह है कि इसे दुनिया का अमर जीव (Immortal Creature) कहा जाता है।
और पढ़ें - वर्किंग वुमन चुनें प्रोफेशनल हैंडबैग, कम बजट में ऑफिस लुक करें अपग्रेड
जेलीफिश की अमरता कैसे होती है?
आमतौर पर किसी भी जीव के सेल्स बूढ़े होने पर धीरे-धीरे मर जाते हैं। लेकिन इस जेलीफिश में एक अद्भुत जैविक गुण (Biological Ability) होता है जो उसके सेल्स को मरने नहीं देता, बल्कि रीजनरेट कर देता है। जब इसे खतरा महसूस होता है या चोट लगती है इसका शरीर Reverse Mode में चला जाता है। इसके सेल्स अपनी फंक्शनिंग बदल लेते हैं जैसे कोई स्किन सेल खुद को मसल सेल में बदल ले। इससे यह पूरा शरीर फिर से बना लेती है और जीवन का नया साइकिल शुरू कर देती है। साइंस की भाषा में इसे Biological Rebirth कहा जाता है और यही प्रक्रिया इंसानों के Anti-Aging Research के लिए सबसे बड़ा संकेत मानी जा रही है।
और पढ़ें - विंटर को-ऑर्ड सेट डिजाइन, 6 इंडो वेस्टर्न सूट सर्दीभर आएंगे काम
तो क्या जेलीफिश कभी नहीं मरेंगी?
अब सवाल उठता है अगर यह अमर है, तो क्या कभी मर नहीं सकती? तो जवाब है कि मर सकती है, लेकिन बुढ़ापे से नहीं। यह जेलीफिश शिकारियों, समुद्री प्रदूषण या तापमान में बदलाव से मर सकती है, लेकिन Natural Aging (नैचुरल बुढ़ापा) इसे कभी नहीं मारता। यानि उम्र बढ़ने से यह कभी खत्म नहीं होती, बल्कि वो खुद को हर बार नया जन्म दे देती है। दुनिया में इस जीव पर गहरी रिसर्च चल रही है इसका DNA, सेल डिवीजन और रिकवरी पावर इंसान की लाइफस्पैन बढ़ाने की चाबी साबित हो सकता है। हमें यह भी सिखाता है कि जीवन की अमरता मशीनों से नहीं, नैचर से सीखनी होगी।
