Ganesh Chaturthi 2023: पंडाल को महंगी बिजली नहीं बल्कि इस एक तरीके से फ्री में करें रोशन

Ganesh Chaturthi 2023: इस आर्टिकल में हम बताने जा रहे हैं कि गणेश चतुर्थी पंडालों को कैसे बिना महंगी बिजली के लगातार रोशन रख सकते हैं। इससे पर्यावरण पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।

लाइफस्टाइल डेस्क. भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2023) रोशनी से सजे खूबसूरत पंडालों के लिए जाना जाता है। हालांकि जिस तरह से रोशनी से पंडाल और आसपास के इलाकों को सजाया जाता है वो उत्सव का माहौल तो बनाता है, लेकिन काफी मात्रा में बिजली की खपत इससे होती है। हाल के सालों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता ने त्योहार के दौरान पंडालों को रोशन करने के तरीके बदल दिए हैं। तो चलिए बताते हैं गणेश चतुर्थी पर पंडालों को लगातारा रोशन करने के लिए क्या कर सकते हैं और लोगों को कैसे इसे लेकर जागरूक कर सकते हैं।

सौर ऊर्जा का लें सहारा

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गणेश पंडाल और आसपास लाइटिंग करने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण का सहारा लें। सूर्य के प्रकाश से कैसे बिजली बना सकते हैं इसे लेकर सोचे और गणेश चतुर्थी पर इसका इस्तेमाल करें।

एनर्जी एफिशिएंसी के साथ-साथ लागत में होगी बचत

गणेश चतुर्थी पर पारंपरिक तरीकों की तुलना में सौर ऊर्जा से संचालित प्रकाश व्यवस्था की एनर्जी एफिशिएंसी पर चर्चा करें। लोगों को बताएं कि सौर प्रकाश व्यवस्था बिजली के बिल को कैसे कम करती है। जिससे आयोजकों को लाभ होता है। उन पंडालों का उदाहरण उनके सामने रखें जो सौर ऊर्जा से पंडाल को रोशन करते हैं और लागत में बचत करते हैं।

स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा

सौर ऊर्जा किस तरह पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए बिजली देती है। इस बात को लोगों को समझाएं। यह शून्य ग्रीनहाइस गैस उत्सर्जन करती हैं। सूर्य की ऊर्जा कभी ना खत्म होने वाला स्त्रोत है इसलिए इसका इस्तेमाल भरपूर मात्रा में किया जा सकता है।

टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट

पंडालों को सजाने के लिए एलईडी सोलर लाइट और स्मार्ट लाइटिंग पर चर्चा करें और उसे इस्तेमाल करने पर जोर दें। इस बात पर प्रकाश डालें कि कैसे ये प्रगति रोशनी वाले पंडालों की दृश्य अपील को बढ़ाती है।

पर्यावरणीय प्रभाव में कमी

बताएं कि कैसे सौर ऊर्जा से चलने वाली रोशनी गणेश चतुर्थी समारोह के कार्बन के उत्सर्जन को कम करती है।त्योहारों के दौरान पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के महत्व पर चर्चा करें।सौर ऊर्जा अपनाने के कारण कम कार्बन उत्सर्जन पर आंकड़े साझा करें।

सामुदायिक जुड़ाव और जागरूकता

सौर ऊर्जा संचालित प्रकाश व्यवस्था को बढ़ावा देने में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका पर प्रकाश डालें। बताएं कि कैसे उनका एक कदम नई परंपरा को शुरू कर सकता है।

सामने रखें उदाहरण

उन पंडालों की प्रेरणादायक कहानियां साझा करें जिन्होंने सौर ऊर्जा से संचालित प्रकाश व्यवस्था को सफलतापूर्वक अपना लिया है।ऐसे केस स्टडी को उनके सामने रखें जो महंगी बिजली से अलग सौर उर्जा को चुना और उसके ढेरो लाभ पाएं।

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