13 फरवरी को मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस, जानें क्या है इसका सरोजिनी नायडू से संबंध

यह तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है, पर कम ही लोगों को पता है कि भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है। 

लाइफस्टाइल डेस्क। यह तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है, पर कम ही लोगों को पता है कि भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था। सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही स्त्रियों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली प्रमुख कार्यकर्ता थीं। उन्हें 'नाइटेंगल ऑफ इंडिया' और 'भारत कोकिला' के रूप में भी जाना जाता है। सरोजिनी नायडू को देश की पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव भी हासिल है। 

135वीं जयंती पर हुई शुरुआत
सरोजिनी नायडू की 135वीं जयंती 13 फरवरी, 2014 को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाए जाने की शुरुआत की गई। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने 12 साल की उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं। शिक्षा हासिल करने के दौरान ही वे राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ गईं और उसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। महात्मा गांधी, जवाहल लाल नेहरू समेत तमाम बड़े नेता उनकी नेतृत्व क्षमता के कायल थे और उनका बहुत सम्मान करते थे। सरोजिनी नायडू ने औरतों को शिक्षा दिलाने और समाज में उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया।

Latest Videos

कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाली पहली भारतीय महिला
सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उन्हें साल 1925 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 1905 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तो इसके विरोध में वे सक्रिय रूप से राजनीति में आ गईं और राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लेना शुरू किया। 1928 में जब देश में प्लेग फैला तो उन्होंने इस महामारी के दौरान रोगियों की सेवा के लिए दिन-रात एक कर दिया। इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें कैसर-ए-हिंद उपाधि से सम्मानित किया। देश की आजादी के बाद उन्हें संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) का राज्यपाल बनाया गया। 2 मार्च, 1849 को उनका निधन हो गया।

साहित्यिक योगदान
सरोजिनी नायडू एक विख्यात साहित्यकार थीं। अपने साहित्यिक योगदान के लिए पूरी दुनिया में वे जानी जाती हैं। उनकी कुछ कविताएं सिलेबस में भी लगी हुई हैं। बचपन से ही साहित्यिक लेखन की शुरुआत करने वाली सरोजिनी नायडू की प्रमुख कृतियां हैं - थ्रेशोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम, द मैजिक ट्री,  द विजार्ड मास्क, द सेप्ट्रेड फ्लूट : सॉन्ग्स ऑफ इंडिया, द इंडियन वीवर्स आदि।

महिला अधिकारों की प्रबल समर्थक
सरोजिनी नायडू महिला अधिकारों की प्रबल समर्थक थीं। उन्होंने उनकी शिक्षा और समाज में उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए काफी प्रोत्साहन दिया। यही कारण है कि उनके जन्मदिन पर भारतीय महिला संघ और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन ने साल 2014 से राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का निर्णय लिया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हुए हमें सरोजिनी नायडू के योगदान को नहीं भूलना चाहिए।  

Share this article
click me!

Latest Videos

महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार