
Morning Parenting Mistakes: सुबह का समय हर घर में सबसे भागदौड़ भरा होता है। बच्चे को समय पर उठाना, नाश्ता कराना, तैयार करना और स्कूल भेजना, इन सबके बीच कई बार पेरेंट्स ऐसी छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं जो बच्चे के मूड को खराब कर देते हैं। अगर दिन की शुरुआत ही नेगेटिव तरीके से हो जाए तो उसका असर पूरे दिन की पढ़ाई और एक्टिविटी पर पड़ सकता है।
सुबह बच्चे को बार-बार डांटकर या गुस्से में उठाना उनके मूड को सबसे ज्यादा खराब करता है। बच्चे को लाड और प्यार से जगाने से उनके दिन की शुरुआत पॉजिटिव तरीके से होती है, जबकि गुस्से से जगाने पर उसका मूड चिड़चिड़ा हो जाता है।
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कई बार पेरेंट्स जल्दबाजी में बच्चे को नाश्ता स्किप करने देते हैं या बहुत जल्दी-जल्दी खिलाते हैं। यह न सिर्फ हेल्थ के लिए नुकसानदायक है बल्कि मूड पर भी असर डालता है। बच्चे को हेल्दी और पसंदीदा नाश्ता मिलना चाहिए ताकि वह फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस करे। जल्दबाजी न हो इसके लिए आपको और बच्चों को समय से उठना होगा।
स्कूल के लिए तैयार करते समय लगातार “जल्दी करो”, “देर हो जाएगी” जैसी बातें बोलना बच्चे स्ट्रेस में आते हैं और ज्यादा स्ट्रेस और टेंशन के कारण वे सुबह ही थक जाते हैं। यह टेंशन और स्ट्रेस उनके मूड को बिगाड़ता है और दिनभर उनकी परफॉर्मेंस पर असर डालता है। पेरेंट्स को चाहिए कि तैयारी रात में ही कर लें ताकि सुबह का माहौल शांत और आरामदायक रहे।
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कुछ पेरेंट्स बच्चों को उठाने या चुप कराने के लिए मोबाइल या टीवी का सहारा लेते हैं। इससे बच्चा धीरे-धीरे स्क्रीन पर डिपेंडेंट हो जाता है और उसका मूड भी बिगड़ सकता है, क्योंकि स्क्रीन देखकर बच्चे का ध्यान भटक जाता है और स्कूल के लिए तैयार होना, स्कूल जाना उसके लिए बोझ और बोरियत सा लगता है।
सुबह का समय पॉजिटिव बातचीत के लिए सबसे अच्छा होता है। लेकिन अगर पेरेंट्स बच्चे को डांटते हैं, उसकी कमियां निकालते हैं या भाई-बहन से तुलना करते हैं, तो बच्चा दिनभर उदास और चिड़चिड़ा रह सकता है। इसके बजाय मोटिवेट करना और प्यार भरे शब्द से बच्चे का मूड हैप्पी और हेल्दी बना सकते हैं।