अरशद वारसी ने शादी के 25 साल बाद करवाया रजिस्ट्रेशन, जानें क्यों 'कोर्ट मैरेज' करना है जरूरी

बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी हाल ही में कोर्ट मैरिज की है। पत्नी मारिया गोरेटी के साथ स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत 7 जन्मों तक रहने का फिर से वादा किया है। आइए जानते हैं कोर्ट मैरेज क्यों जरूरी है।

Nitu Kumari | Published : Feb 12, 2024 8:18 AM IST

रिलेशनशिप डेस्क. 'झलक दिखला जा 11' के जज अरशद वारसी शादी के 25 साल बाद फिर से मैरेज करने को लेकर सुर्खियों में हैं। अब अगर आप ये सोच रहे होंगे कि बॉलीवुड के 'सर्किट' ने दूसरी शादी की है तो गलत सोच रहे हैं। उन्होंने अपनी ही पत्नी मारिया गोरेटी के साथ दोबारा कोर्ट में जाकर शादी की है। उन्होंने वहां फिर से सात जन्म साथ रहने और सुख-दुख में हमकदम होने का वादा किया है। सवाल कि आखिर अरशद वारसी तो दोबारा मैरेज करने की जरूरत क्या पड़ी?

दरअसल, अरशद और मारिया गोरेटी ने अपनी शादी को रजिस्टर्ड नहीं कराया था। 25 साल से वो सामाजिक रूप से पति-पत्नी के रूप में साथ रह रहे थे। लेकिन कानूनी रूप से उनके पास कोई दस्तावेज नहीं था। इसलिए उन्होंने कोर्ट में अपनी शादी को रजिस्टर कराया। बता दें कि कपल ने 23 जनवरी को अपनी शादी रजिस्टर करवाई और कोर्ट में शादी की। अरशद वारसी और मारिया गोरेटी आने वाले 14 फरवरी, 2024 को अपनी 25वीं सालगिरह मनाएंगे। उनकी शादी 14 फरवरी, 1999 में शादी हुई थी।

क्यों उठाया ये कदम

अरशद ने बताया कि शादी रजिस्टर्ड कराने की बात दिमाग में कभी आई ही नहीं। लेकिन प्रॉपर्टी के मामले में और उनके किसी अपने के निधन के बाद उन्हें इसके महत्व का एहसास हुआ। ये कानून की खातिर हमने किया। लेकिन अगर पार्टनर एक दूसरे के प्रति कमिटमेंट हो तो वहीं मायने रखती है।

कोर्ट मैरेज क्यों जरूरी

हिंदू मैरेज एक्ट के तहत शादी को कोर्ट में रजिस्टर कराना जरूरी है। जब तक शादी को रजिस्टर नहीं कराया जाता है वो कानूनी रूप से लिगल नहीं माना जाता है। कोर्ट मैरेज के कई सारे फायदे होते हैं।

- यह मैरेज पूरी तरह कानूनी होता है। इसमें अलग-अलग डाक्यूमेंट्स बनते हैष

-स्पाउस वीज़ा बनवाने के लिए कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। जो की मैरिज रजिस्ट्रशन के बाद मिलता है।

-पार्टनर की डेथ के बाद बीमा, नौकरी, या कोई भी कानूनी अधिकार लेने में ज्यादा प्रॉब्लम नहीं आती है। पीड़ित आसानी से अपने अधिकार ले सकता है।

-यह संविधान और उसके अधिनियमों पर विश्वास करने का एक बहुत अच्छा और सरल तरीका है।

-इस मैरिज करने की कोई फीस नहीं होती है। इसमें स्टाम्प ड्यूटी और वकील की फीस देनी होती है। जो सामाजिक शादी से काफी काम होती है।

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