बच्चा अगर जिद करे और आपकी बात न सुने, तो डांटने-मारने के बजाए करें ये काम

बच्चों की ज़िद से परेशान हैं? जानिए बच्चों को बिना डाँटे-मारें कैसे समझाएँ और अच्छे संस्कार सिखाएँ। ज़िद के पीछे के कारणों को समझें, सकारात्मक विकल्प दें और धैर्य से बात करें।

90's के बच्चों की तुलना में आजकल के बच्चे ज्यादा जिद्दी और परेशान करने वाले होते जा रहे हैं। इसे लेकर कर आजकल चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि पहले कि तुलना में अब बच्चों को लाड-प्यार, दुलार, संसाधन ज्यादा मिल रही है। बच्चे टीवी-मोबाइल में देखकर बहुत सी चीजें जल्दी-जल्दी सीख रहे हैं, जिससे वे ज्यादा जिद्दी भी हो रहे हैं। ऐसे में बहुत से मां-बाप अपने बच्चों को सुधारने के लिए डांटने-मारने का तरीका अपनाते हैं, जिसे लेकर चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट का कहना है, कि यह बहुत गलत है इससे बच्चे के ब्रेन में बहुत गलत असर पड़ता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि बच्चों को कैसे सुधारा जा सकता है, वो भी बिना डांटे-मारे और चिल्लाए।

1. बच्चे की बात सुनें और समझें:

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2. सकारात्मक विकल्प दें:

3. धैर्य और शांत स्वभाव अपनाएं:

4. प्रशंसा और इनाम दें:

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5. बच्चे को जिम्मेदारी दें:

6. प्रैक्टिकल समाधान अपनाएं:

डांटने-मारने से आपका रिलेशन बच्चे के साथ खराब होगा, आपकी छवी खराब होगी, उन्हें ऐसा लगने लगेगा कि आप उनसे प्यार नहीं करते। इसिलए डांटने मारने के अलावा बच्चों को सुधारने के और भी उपाय है, जिससे आपका जिद्दी बच्चा भी सुधर जाएगा।

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