मां-बच्चे के बीच में दादा-दादी का प्यार, आशीर्वाद या चुनौती?
Other Lifestyle Dec 26 2024
Author: Chanchal Thakur Image Credits:Pinterest
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मां-बच्चे के बीच विश्वास में कमी
अगर दादा-दादी लगातार मां और बच्चे के बीच दखल देते हैं, तो बच्चे को लगता है कि उसकी मां पर पूरा भरोसा नहीं किया जा रहा, जिससे विश्वास में कमी आ सकती है।
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बच्चे में भ्रम पैदा होता है
जब दादा-दादी बार-बार अपनी राय रखते हैं, तो बच्चा भ्रमित हो सकता है कि उसे किसकी बात माननी चाहिए, जिससे बच्चे का मनोबल प्रभावित हो सकता है।
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मां की भूमिका कमजोर हो सकती है
अगर ग्रैंडपेरेंट्स ज्यादा हस्तक्षेप करते हैं, तो मां को अपने अधिकारों और भूमिका का एहसास नहीं होता, जिससे उसकी ममता और जिम्मेदारी में कमी आ सकती है।
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बच्चे के साथ रिश्ते में तनाव
मां और बच्चे के बीच बार-बार हस्तक्षेप से तनाव पैदा हो सकता है, जिससे वे दोनों एक-दूसरे से सही तरीके से जुड़ नहीं पाते।
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ग्रैंडपेरेंट्स का प्यार और देखभाल
अगर इंटरफेयरिंग सही तरीके से की जाए, तो बच्चे को अतिरिक्त प्यार और देखभाल मिल सकती है, लेकिन अगर सीमा पार कर ली जाए, तो यह नकारात्मक असर डाल सकता है।
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सीमाएं तय करें:
मां को अपनी सीमाएं स्पष्ट करनी चाहिए ताकि दादा-दादी समझ सकें कि बच्चों के पालन-पोषण में कहां तक हस्तक्षेप करना सही है।