बच्चों को यह महसूस न कराएं कि वे किसी से कम हैं। जैसे, देखो, तुम्हारा दोस्त कितना अच्छा करता है, ऐसी बातें उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचा सकती हैं और माता-पिता से दूर हो सकते हैं।
कठोर भाषा या बार-बार डांटने से बच्चे डरने लगते हैं और अपने विचार शेयर नहीं करते। इसका उनके मानसिक विकास और रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
"तुम्हें बड़ा होकर डॉक्टर बनना है" या "तुम्हें हमारी जिम्मेदारी उठानी है" जैसी बातें बच्चों के लिए भारी होती हैं। उनकी उम्र के अनुसार बातें करें।
जैसे, "अगर तुमने ऐसा किया तो पुलिस आ जाएगी" या "तुम्हें घर से बाहर निकाल देंगे" जैसी बातें बच्चे के मन में असुरक्षा और डर पैदा करती हैं।
बच्चों को बार-बार उनकी कमियां या गलतियां गिनाना उन्हें आत्मग्लानि में डाल सकता है। सकारात्मक भाषा का प्रयोग करते हुए बच्चों को समझाएं।
परिवार की आर्थिक समस्या, माता-पिता के झगड़े जैसी बातें बच्चों के सामने करने से वे असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। यह उन्हें माता-पिता के प्रति उनके विश्वास को कमजोर कर सकता है।