परिवार में बच्चों को इतना प्यार मिलता है वह बिगड़ जाते हैं। प्रेम दिखाना गलत नहीं है उनकी बदतमीजी को प्यार का नाम देना भी सही नहीं है। ऐसे में बच्चों को अनुशासन कैसे सिखाएं।
कई बार बच्चों के गलत होने पर मां-बाप गलतियां छिपाते हैं। ऐसा करने से बचे। बच्चों को उनके रैवये के बारे में बताएं। हो सकता है, बच्चा नाराज हो जाए हालांकि इसे पॉजिटिव वे में लें।
बच्चा ज्यादा शैतान हो गया है तो उसे चिल्लाने के बजाय सीमा निर्धारित करें और बताएं, उसे क्या करना है क्या नहीं। हालांक ये करने के लिए मां-पिता दोनों साथ जरूरी है।
बेटी की उम्र 10 साल है लेकिन बिस्तर आप लगाती हैं तो इसे बदलें। उसे उसका काम सौंपे। जैसे खुद का बिस्तर ठीक करना, कपड़े रखना और अपनी यूनिफॉर्म फोल्ड करना।
बदलाव में वक्त लगता है। बच्चा कई बार नाराज हो जाए तो इस बात को सोचने की बजाय धैर्य रखें और जो कर रही हैं उसपर कायम रहें ताकि बच्चे को अहसास हो उसने गलत किया है।
मां डांट रही है और पिता बढ़ावा दे रहे हैं तो बच्चा कभी गलतियां नहीं पहचान पाएगा। अगर आप बच्चे को डांट रही हैं तो पिता से इस बारे में बात करें ताकि वह उसकी साइड न लें।
बच्चा बात-बात पर जिद्द करता है। या घर में किसी की बात नहीं मानता तो डॉक्टर की सलाह ले सकती हैं। आखिर किस वजह से बच्चे के बर्ताव में इतना बड़ा बदलाव देखने को मिला।