Women's Day: जब IAS ऑफिसर ने शादी में अपना कन्यादान कराने से किया इंकार, रस्म पर उठाए सवाल
रिलेशनशिप डेस्क. शादी में कई तरह की रस्म निभाई जाती है। जिसमें एक कन्यादान भी है। बेटी की शादी में माता-पिता उसका कन्यादान करके खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। लेकिन इस बात से आईएएस तपस्या परिहार इत्तेफाक नहीं रखती हैं।
कन्यादान वो रस्म है जहां पिता अपनी बेटी का हाथ दूल्हे के हाथ में देता है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को लेकर अक्सर आलोचना सुनने को मिलती है। जैसे बेटी कोई चीज तो नहीं जिसे दान किया जाए। ज्यादातर लड़कियां भी यहीं मानती हैं,लेकिन वो बोल नहीं पाती। इस रस्म का विरोध तपस्या परिहार ((IAS Tapasya Parihar) ने की। साल 2018 में सीएसएक्स यूपीएससी परीक्षा में AIR 23 हासिल करने वाली तपस्या ने अपनी शादी में कन्यादान कराने से इंकार कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आईएएस ऑफिस ने अपने पिता से कहा कि मैं आपकी बेटी हूं, कोई चीज नहीं जिसका दान किया जाए। बचपन से ही ऐसी रस्मों पर सवाल उठाने वाली तपस्या की शादी में कन्यादान नहीं किया गया। उसके परिवार वाले इस बात पर सहमत थे। इतना ही नहीं पति गर्वित गंगवार का भी साथ मिला।
आईएएस तपस्या की शादी आईएफएस ऑफिस गर्वित गंगवार से हुई है। सोशल मीडिया पर इनकी सगाई की तस्वीर भी सामने आई थी। इसके बाद दोनों ने कोर्ट मैरेज किया।दिसंबर 2021 में कपल ने शादी की। गर्वित गंगवार अपनी पत्नी के साथ हमेशा खड़ रहते हैं। उन्होंने कहा कि शादी के बाद लड़कियों को ही पूरी तरह बदलने को क्यों कहा जाता है। वो इसके पक्ष में नहीं हैं।
वहीं, तपस्या के पिता ने कहा कि कन्यादान जैसी रस्में लड़की को उसके पिता के घर से विदा करने की तैयारी जैसी है। बेटियों के संबंध में दान या दान जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में जन्मी तपस्या के पिता मूल रूप से किसान हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई नरसिंहपुर के केंद्रीय विद्यालय से की है। इसके बाद पुणे में इंडिया लॉ सोसाइटीज लॉ स्कूल से कानून की डिग्री लीं। इसके बाद वो यूपीएससी करने का फैसला लिया। 8 मार्च को अंतरराष्ट्री महिला दिवस मना जाना है। तपस्या परिहार की कहानी उन तमाम महिलाओं के लिए है जो बोलना तो चाहती हैं पर बोल नहीं पाती है। अगर आपको कोई रस्म बुरी लगे तो शांति से उसपर सवाल उठा सकती हैं।