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Women’s Day: इन तीन रंगों में रंगी है महिला दिवस की 'कहानी', क्या आपको है इसकी जानकारी
लाइफस्टाइल डेस्क. अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को सेलिब्रेट किया जाता है। महिला शक्ति को प्रदर्शित करने वाले इस दिन को 3 विशेष रंगों से भी दर्शाया जाता है। आइए जानते हैं कौन से हैं वो तीन रंग और क्या देते हैं संदेश।
| Published : Mar 01 2023, 08:31 AM IST / Updated: Mar 01 2023, 10:21 AM IST
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दुनिया की आधी आबादी 8 मार्च को गर्व और सम्मान से भर जाती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के दिन वो एक अलग ही अंदाज में नजर आती हैं। अपने हक की लंबी लड़ाई लड़ने वाली महिला इस दिन तीन रंगों में रंगी नजर आती हैं। उन रंगों के बारे में बताने से पहले इसका इस दिन का इतिहास बता देते हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद 1910 में क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने रखी थी। वूमेंस डे कामगारों के आंदोलन से निकला था। जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी। इतिहास के झरोखे में झांके तो देखते हैं कि इस दिन को स्पेशल बनाने की शुरुआत 1908 में हुई थी जब यूएस की लड़कों पर 15 हजार महिलाएं परेड निकाली। उन्होंने अच्छी तनख्वाह, वोट डालने का अधिकार और काम के घंटे कम होने की मांग की थी। इस आंदोलन के एक साल बाद अमेरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का ऐलान किया।
क्लारा जेटकिन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की रखी नींव
इसे अंतराष्ट्री महिला दिवस बनाने की मांग क्लारा जेटकिन ने की थी।उन्होंने ये प्रस्ताव 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया था। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता 1975 में मिली जब संयुक्त राष्ट्र ने भी इसे मनाना शुरू कर दिया। तकनीकी रूप से हम इस साल 112वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाएंगे।
तीन रंग में रंगा होता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
इंटरनेशल वूमेंस डे की पहचान तीन रंग से होती है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की वेबसाइट के मुताबिक, जामुनी, हरा और सफेद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग हैं। जामुनी रंग को 'इंसाफ़ और सम्मान' का प्रतीक माना जाता है।
वहीं, हरा रंग उम्मीद जगाने वाला कहा जाता है। इस दिन महिलाएं हरे रंग को भी पहनना पसंद करती हैं।
1908 में ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पॉलिटिकल यूनियन (WSPU) ने इन तीन रंगों को चुना था। जिसमें सफेद रंग का मतलब शुद्धता से जोड़ा गया।
इस तरह तीनों रंग मिलकर महिलाओं के लिए इंसाफ, उम्मीद और शुद्धता का प्रतीक बन गया।
ऐसे होता है दुनिया भर में सेलिब्रेशन
रूस समेत कई देशों में इस दिन महिलाओं को अवकाश दी जाती है। रूस, इटली में महिलाओं को फूल देकर सम्मान प्रकट किया जाता है। भारत समेत कई देशों में कई इवेंट का आयोजन किया जाता है। वहीं, अमेरिका में इस दिनो को महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित किया जाता है।
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