
Ramadan do's and do'nts: मुस्लिम धर्म के लिए रमजान का महीना बेहद पाक माना जाता है। पूरे महीने मुस्लिम समुदाय उपवास रखकर अल्लाह की इबादत करता है। मान्यता के अनुसार इसी पाक महीने में पैगंबर साबह (prophet mohammed) को अल्लाह से कुरान की आयतें मिली थी। आत्मसंयम के साथ इस महीने में लोग अल्लाह की इबाबत करते हैं। इस महीने में कुछ ऐसे काम होते हैं जिसे करना वर्जित होता है खासतौर पर शादीशुदा जोड़ों को। तो चलिए बताते हैं उसके बारे जिसे नहीं करना चाहिए, ताकि वे रमजान की पाकीजगी बनाए रख सकें।
इस्लमा के अनुसार रोजा रखने के दौरान पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने से रोज़ा टूट जाता है और इसे कफ्फारा (प्रायश्चित) करना पड़ता है। इसलिए इस पाक महीने में संयम बनाए रखना बेहद जरूरी है।
मुस्लिम कपल को रोजे के दौरान ना सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करना चाहिए, बल्कि ज्यादा अंतरंगता, रोमांटिक बातें या भावनात्मक उत्तेजना को भी टालना चाहिए। यह आत्मसंयम और इबादत का समय है, इसलिए ध्यान अल्लाह की इबादत में लगाना चाहिए।
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रमजान के महीने में शांति बनाए रखना जरूरी है, ताकि खुदा की इबाबदत में खलल ना पड़ें। मन और शरीर को शुद्ध रखना चाहिए। पति-पत्नी को खासतौर पर बेवजह की बहस, गुस्सा और झगड़े से बचना चाहिए, क्योंकि यह रोज़े की पाकीजगी को कम कर सकता है। इस दौरान धैर्य और प्रेम से काम लेना जरूरी है।
कई लोग इफ्तार और सहरी में जरूरत से ज्यादा खर्च कर देते हैं या दिखावे के लिए फालतू की चीजें खरीदते हैं। रमजान सादगी और जरूरतमंदों की मदद करने का महीना है, इसलिए खाना बर्बाद करने या बेवजह दिखावा करने से बचना चाहिए।
रोज़े का मकसद सिर्फ भूखे-प्यासे रहना नहीं, बल्कि दिल और नीयत को भी पाक रखना होता है। इसलिए कपल्स को ध्यान रखना चाहिए कि वे गलत निगाह या अश्लील चीजों से खुद को दूर रखें, ताकि उनका रोज़ा कमजोर ना पड़े।
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