टीएनएजर बेटी बार-बार घर से हो रही गायब, कैसे संभालूं? एक मां का दर्द

Published : Sep 28, 2025, 08:59 AM IST
Parenting Tips For Separated Parents

सार

Parenting Tips: बेटी को जब लगता है कि उसकी फैमिली बिखर रही है, तो वो बर्दाश्त नहीं कर पाती है। इसे गुस्से में वो गलत कदम उठाने लगती है। माता-पिता की गलती का खामियाजा बच्चे भुगते हैं। आइए बताते हैं, पूरी कहानी। 

Parenting Tips For Separated Parents: वो पहले ठीक थी, लेकिन अब मेरी या अपने पापा की बिल्कुल नहीं सुनती है। वो घर और स्कूल दोनों जगह बगावती तेवर अपना रही है। झगड़ालू हो गई है और दोस्तों के साथ घर से गायब रहने लगी है। समझ नहीं आ रहा है कि कैसे संभालू? कहानी रोशनी (बदला हुआ नाम) की है। जो तलाक के बाद अलग अपनी बेटी के साथ रहती हैं। 28 सितंबर को वर्ल्ड डॉटर डे मना जा रहा है। तो इस मौके पर चलिए समझते हैं किशोर हो रही बेटी को एक अलग हुए माता-पिता कैसे संभाल सकते हैं।

रोशनी ने बताया कि छह महीने पहले उनका तलाक हो गया। बेटी की कस्टडी उन्हें मिली और वीकेंड में वो पापा से मिलने जाती है। शुरुआत के कुछ दिनों तक सब ठीक चला। लेकिन फिर 15 साल की बेटी में बदलाव शुरू हुए। पहले तो वो सिचुएशन को संभाल लेती थी, लेकिन अब हालात बिगड़ने लगे हैं। वो स्कूल और घर दोनों जगह पर झगड़ालू हो गई है। बहस करना, गुस्सा करना उसकी आदत बन गई है। इतना ही नहीं वो दोस्तों के साथ घर से गायब रहने लगी हैं।

मेरे एक्स पति इसके लिए मुझे जिम्मेदार ठहराते हैं, क्योंकि मैंने ही शादी खत्म करने का फैसला किया था। क्या आप कोई सलाह दे सकते हैं? मुझे सच में चिंता है कि हमारी बेटी बिगड़ जाएगी और हमेशा के लिए हमसे नफरत करने लगेगी।

क्यों हो रहा है ऐसा?

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि 15 से 18 साल की उम्र बेहद नाज़ुक होती है। इस दौरान बच्चे शारीरिक और इमोशनल रूप से बड़े बदलावों से गुजरते हैं। वे खुद को बड़ा और मेच्योर समझने लगते हैं, लेकिन अंदर से अब भी बच्चे ही रहते हैं। ऐसे में मां-बाप का अलग होना उनके लिए असुरक्षा और डर की स्थिति पैदा करता है।

बेटी शायद शुरू में स्थिति को समझने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब वास्तविकता सामने आने पर उसका दर्द और गुस्सा बाहर आ रहा है। यही कारण है कि वह गलत तरीके से ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है।

क्या करें माता-पिता?

एक-दूसरे को दोष देना बंद करें। बच्चे के सामने मां-बाप का एक-दूसरे को दोष देना स्थिति को और बिगाड़ सकता है। मिलकर उसकी भलाई के लिए काम करें।

बेटी से खुलकर बात करें- उसे बैठाकर पूछें कि वह कैसा महसूस कर रही है। सिर्फ सुनें, बीच में टोके नहीं या बचाव में न जाएं। हो सकता है उसकी बातें चुभने वाली हों, लेकिन यही उसकी सच्चाई है।

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उसके इमोशन को मान्यता दें- उसे बताएं कि उसकी इमोशन आपके लिए मायने रखती हैं। यह भरोसा दिलाएं कि जब भी वह दुखी या गुस्से में हो, तो वह आपसे आकर बात कर सकती है।

सीमाएं तय करें- दोस्ती और आजादी जरूरी है, लेकिन अगर वह बिना बताए गायब हो रही है, तो इसके परिणाम तय करें। प्यार के साथ अनुशासन भी बनाए रखें।

साथ समय बिताएं- कभी-कभी फैमिली टाइम प्लान करें, चाहे आप और आपके एक्स साथ हों या अलग-अलग। इससे बच्ची को यह अहसास होगा कि उसका परिवार अब भी उसके साथ है।

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