
अक्सर माता-पिता छोटे बच्चों को सिर्फ खेलने और मस्ती करने देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 0-4 साल के बच्चों को हल्के-फुलके घर के काम सिखाने से उनकी बुद्धि तेजी से विकसित होती है? रिसर्च के मुताबिक, इस उम्र में बच्चों का दिमाग सबसे तेज़ी से सीखता है और जब वे छोटे-छोटे काम करना शुरू करते हैं, तो उनका मोटर स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग और डिसिप्लिन भी बेहतर होता है।
बच्चों को अपने खिलौने और किताबें खेलने के बाद वापस सही जगह रखने की आदत डालें। इससे वे जिम्मेदारी लेना सीखेंगे और चीजों को ऑर्गेनाइज़ करना भी।
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अगर आपका बच्चा खुद अपने पहने हुए कपड़े लॉन्ड्री बास्केट में डालना सीख जाए, तो यह उसके आत्मनिर्भर बनने की ओर पहला कदम होगा।
0-4 साल की उम्र में बच्चे अगर अपने हाथों से खाने की कोशिश करते हैं, तो उनका हाथ-आंख का कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है। उन्हें धीरे-धीरे चम्मच और गिलास पकड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
अगर बच्चे को एक छोटा मग या पानी की बोतल देकर पौधों को पानी देने को कहा जाए, तो इससे उनमें प्रकृति के प्रति प्यार और जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी।
जैसे टेबल पर नैपकिन रखना, चम्मच देना, या छोटी-मोटी चीजें इधर-उधर ले जाना। इससे उनकी ग्रिप और अवेयरनेस बढ़ेगी।
बच्चों को सिखाएं कि वे अपने जूते और चप्पल घर में इधर-उधर न छोड़ें, बल्कि एक तय जगह पर रखें। इससे उनमें अनुशासन और सफाई की आदत विकसित होगी।
आप बच्चे को धीरे-धीरे किचन के काम में इन्वॉल्व करें और उन्हें सीखाएं कि ये न सिर्फ लड़कियों का काम है बल्कि रसोई की पूरी जिम्मेदारी और काम बचपन से बच्चों को आना चाहिए।
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