'लड़की कानून से कर रही खिलवाड़', हाई कोर्ट ने लगाई पति पर दायर रेप केस पर रोक

Published : Jun 10, 2023, 06:13 PM IST
Woman Case Against Husband

सार

हाई कोर्ट ने पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए कहा- 'यह ऐसा मामला है जहां शिकायतकर्ता ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। इसका इससे बेहतर कोई और उदाहरण नहीं हो सकता है।'

रिलेशनशिप डेस्क: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक महिला द्वारा दायर की गई शिकायत पर अंतरिम आदेश पारित किया है। इस मामले में कई अन्य बातों के अलावा महिला ने उसके पति पर बलात्कार का आरोप लगाया गया था, जिसके साथ वह केवल एक दिन रही थी। पति और उसके परिवार के सदस्यों ने पत्नी द्वारा दायर शिकायत और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किए जाने को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अब हाई कोर्ट ने पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए कहा- 'यह ऐसा मामला है जहां शिकायतकर्ता ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, इससे बेहतर कोई उदाहरण नहीं हो सकता है।'

मंदिर में रचाई शादी, जानें पूरा मामला

कपल बेंगलुरु में एक एमएनसी मोटरबाइक शोरूम में सहकर्मी थे। शादी करने से पहले कपल चार साल तक एक-दूसरे के साथ रिलेशनशिप में था। उन्होंने 27 जनवरी, 2023 को एक मंदिर में शादी की थी। बाद में मल्लेश्वरम में विवाह पंजीयक के समक्ष विवाह का पंजीकरण कराया था और उसी दिन पत्नी का जन्मदिन मनाया गया। तभी पति को कथित तौर पर पत्नी के पहले अफेयर और उसके दूसरे व्यक्ति के संपर्क में होने के बारे में व्हाट्सएप से पता चल गया था। इसी बात को लेकर अगले दिन बहस छिड़ गई, जिसके कारण पत्नी 29 जनवरी को ससुराल से चली गई।

शादी से पहले 4 साल रिलेशनशिप में था कपल

हाई कोर्ट ने कहा- 'यह बताया गया कि महिला ने पहले शादी तोड़ने की धमकी दी थी। 29 जनवरी 2023 से 01 मार्च 2023 के करीब 32 दिनों के बीच दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी। 32 दिनों के बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कर कई आरोप लगाए।'

पत्नी ने शिकायत में लिखवाया कि 'वो नहीं जानती कि शादी की तारीख पर उसके साथ क्या हुआ। वह दावा करती है कि वह नशे में थी। वह आगे दावा करती है कि उसे विवाह पंजीयक के समक्ष किसी भी चीज पर हस्ताक्षर करना याद नहीं है। वह आगे आरोप लगाती है कि उसके पहले के संबंध के बारे में पता चलने पर उसे प्रताड़ित किया गया था। शिकायत में आरोपों के अनुसार वो शादीशुदा थी जो कि परिस्थितियों के कारण हुआ। आरोप है कि शादी के बाद दोनों के बीच कथित यौन क्रिया बलात्कार के बराबर है।'

हाई कोर्ट ने लगाई कार्यवाही पर रोक

पति और उसके परिवार के सदस्यों की याचिका पर सुनवाई करने वाले उच्च न्यायालय का कहना है, 'शिकायतकर्ता प्यार में पड़ गई और कुछ साल के लिए रिश्ते में होने के कारण पहले उनसे शादी की। कुछ दिनों तक रही और फिर बलात्कार का आरोप लगाया। वो यहीं नहीं रुकी क्योंकि शादी में परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे इसलिए उन्हें भी अपराध के लिए जेल में घसीटा जाता है।' अंतरिम रोक लगाते हुए उच्च न्यायालय का कहना है कि इसलिए, याचिका के निस्तारण तक, याचिकाकर्ताओं की अपराध संख्या 23 की जांच और आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

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