काश मैं लड़का होती? हर औरत के मन में क्यों आता है ये सवाल?

महिलाओं को जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, खासकर शारीरिक और सामाजिक रूप से। गर्भावस्था के दर्द से लेकर सामाजिक अपेक्षाओं तक, कई बार यह सवाल मन में आता है कि काश पुरुषों को भी ये सब सहना पड़ता।

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 10, 2024 2:29 PM IST

हे भगवान! ये सारे कष्ट सिर्फ़ औरतों को ही क्यों? ये सवाल हर औरत के मन में ज़िन्दगी में कभी न कभी ज़रूर आता है। ख़ास तौर पर पीरियड्स के दर्द, गर्भवती होने पर होने वाली तकलीफें, सबको मैनेज करते हुए घर चलाना, परिवार की ज़िम्मेदारी उठाना, अपने मायके के दुःख छुपाकर पति और ससुराल वालों के लिए जीना, प्यार से पली बेटी का पराया धन बन जाना, महिलाओं पर रोज़ाना होने वाले अत्याचार, घरेलू हिंसा, बलात्कार... ये सब देखकर हर औरत के मन में कभी न कभी ये ज़रूर आता होगा कि काश मैं लड़का होती।

पुरुषों को लगता है कि औरतों की ज़िन्दगी कितनी आसान होती है, उनकी हर जगह डिमांड होती है, उनकी एक मुस्कान पर दुनिया फ़िदा होती है, हमे तो कड़ी मेहनत करके बाहर जाकर पैसे कमाने पड़ते हैं और ये आराम से घर पर तीनों टाइम खाना खाती हैं... इस तरह पुरुषों के मन में भी औरतों को लेकर कई तरह के विचार आते हैं लेकिन औरतों के मुकाबले ये कुछ भी नहीं है। हम भले ही कितना भी कहें कि महिला-पुरुष बराबर हैं लेकिन सच्चाई ये है कि कई मामलों में, कई क्षेत्रों में औरतों को अपनी जगह बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है। ख़ास तौर पर परिवार के मामले में औरत ही घर की इज़्ज़त होती है, घर औरत से चलता है, औरत धरती माँ है, सहनशील है, ममतामयी है... इस तरह के ढेरों विशेषण देकर औरतों से सब कुछ सहने के लिए कहा जाता है।

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 कहते हैं इन सबसे अलग एक ख्वाहिश हर औरत के मन में होती है। इस बारे में सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा हो रही है। जैसे एक तस्वीर सौ कहानियाँ बयां करती है वैसे ही एक तस्वीर वायरल हो रही है जिस पर हज़ारों लोग कमेंट कर रहे हैं। दरअसल, ज़्यादातर औरतों को लगता है कि उन्हें जो दर्द सहना पड़ता है वो दर्द भगवान को पुरुषों को भी देना चाहिए था। ख़ास तौर पर गर्भवती होने का दर्द!

जी हाँ। गर्भवती होना हर औरत का सपना होता है। माँ बनना। अपनी कोख से एक नन्ही सी जान को इस दुनिया में लाना, ये ज़िम्मेदारी, ये ख़ास एहसास, ये प्रसव का अनुभव... ये सब झूठ नहीं है। लेकिन वो नौ महीने हर औरत के लिए आसान नहीं होते। अपने अंदर एक और ज़िन्दगी को पलते हुए देखना, अपने काम के साथ-साथ उसका भी ख़्याल रखना आसान नहीं होता। कई घरों में तो पति का साथ भी नहीं मिलता। गर्भवती होने के अलावा, बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर में होने वाले बदलाव, मानसिक रूप से होने वाले बदलाव, इन सबको अपनाते हुए घर को संभालना आसान नहीं होता। यही वजह है कि कई औरतें सोचती हैं कि काश भगवान ने पति-पत्नी दोनों को बच्चा दिया होता और तो और कई औरतें तो ये भी सोचती हैं कि काश पति ही गर्भवती होते तो कितना अच्छा होता। मैं उनकी कितनी सेवा करती। ऐसी ही एक तस्वीर अब वायरल हो रही है। एक ही दिन में चार हज़ार से ज़्यादा कमेंट्स और शेयर्स देखकर तो यही लगता है कि ये हर औरत का सपना है। आपका क्या ख्याल है? 


 

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