
नॉर्थ ईस्ट इंडिया अपनी शांत वादियों, बादलों से ढकी पहाड़ियों, झरनों, झीलों, अनोखी संस्कृति और स्वादिष्ट स्थानीय खाने के लिए दुनिया भर में मशहूर है। कई लोग मानते हैं कि नॉर्थ ईस्ट का टूर लंबा प्लान करना पड़ता है, लेकिन सही प्लानिंग करें तो सिर्फ आठ दिनों में भी आप यहां की सबसे खूबसूरत जगहों को आराम से घूम सकते हैं। अगर आपको नॉर्थ ईस्ट अच्छे से एक्सप्लोर करना है, तो यह इटनरी खास तौर पर ऐसे टूरिस्टों के लिए बनाई गई है जो कम दिनों में नॉर्थ ईस्ट का हर रंग, हर अनुभव और हर खूबसूरत लोकेशन देखना चाहते हैं। इस गाइड में आपको डिटेल में बताया गया है कि किस दिन कहां जाएं, क्या देखें और इस यात्रा को और भी यादगार और मजेदार कैसे बनाएं।
यात्रा गुवाहाटी से शुरू होती है जहां पहुंचते ही आपको शहर की आध्यात्मिकता और ब्रह्मपुत्र नदी की विशालता देखने को मिलेगा। कामाख्या मंदिर का दर्शन कर यात्रा की शुरुआत करें। इसके बाद शाम को ब्रह्मपुत्र पर होने वाला सनसेट क्रूज आपके ट्रिप के पहले दिन को यादगार बना देगा।
दूसरे दिन आप मेघालय की राजधानी शिलांग की ओर बढ़ें। रास्ते में उमियम लेक का नीला पानी और पहाड़ों की खूबसूरती का नजारा लें। शिलांग पहुंचकर कैफे कल्चर, लोकल मार्केट और हरे-भरे Pine Forests यूरोपीय टाउन जैसी फीलिंग देंगे। शाम की हल्की ठंडक और पहाड़ी वादियां पूरे दिन का थकान मिटा देगी।
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तीसरे दिन आप शिलांग की नेचर ब्यूटी को एक्सप्लोर करें। शिलांग पीक से पूरे शहर का bird’s-eye view मिलता है, जबकि एलिफेंट फॉल्स का 3 लेवल वाटरफॉल देखने लायक है। वार्ड्स लेक की शांत सुंदरता और कैफे में म्यूजिक नाइट आपको शिलांग की असली vibe का एक्सपीरियंस कराते हैं।
चेरापूंजी का सफर बादलों, पहाड़ियों और वॉटरफॉल्स से भरा है। यहां नोहकलिकाई फॉल्स की गहरी घाटी और गिरता हुआ पानी मन को छू लेता है। सेवन सिस्टर फॉल्स और मवस्माई केव्स एडवेंचर लवर के लिए परफेक्ट हैं। चेरापूंजी की लगातार बदलती मौसम की फीलिंग आपकी ट्रिप को अनोखा एक्सपीरियंस देगी।
मावलिनॉन्ग, जिसे एशिया का सबसे साफ गांव कहा जाता है, यहां की डिसिप्लीन और ग्रीनरी देखकर हर कोई दंग रह जाता है। आगे बढ़ते हुए डौकी की उमंगोट नदी का साफ पानी आपको चौंका देगी, क्योंकि इसका पानी इतना साफ होता है कि नाव पानी में तैरती नहीं, हवा में उड़ती हुई लगती है। बॉर्डर पॉइंट और साइलेंट घाटी जैसे जगह फोटोग्राफी , रील और शांत माहौल के लिए बेहतरीन हैं।
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छठे दिन आप वापस असम की तरफ काजीरंगा नेशनल पार्क पहुंचें। रास्ते में चाय बागानों की लंबी कतारें और धूप-छांव का खेल असम की शांति और सुंदरता का अहसास कराएगी। शाम तक रिसॉर्ट पहुंचकर आप ट्राइबल डांस, लोकल फूड और ट्रेडिशनल लाइफस्टाइल का एक्सपीरियंस लें।
सातवें दिन की सुबह जंगल सफारी से शुरू करें जहां आप Indian One-Horned Rhino, जंगल बिल्लियां, हाथी, जंगली भैंसे और कई दुर्लभ पक्षियों को करीब से देख सकते हैं। जीप सफारी का मजा और जंगल की ताजी हवा इस यात्रा का सबसे थ्रीलिंग एक्सपीरियंस देगी। दिन के बाकी समय में आप लोकल बाजार, चाय बागान और असमी खाना एक्सप्लोर कर सकते हैं।
अंतिम दिन अरुणाचल की ओर जाते हुए भूटान बॉर्डर के पास बोमडिला का शांत पहाड़ी इलाका आपको दूसरी दुनिया में ले जाएगा। बौद्ध संस्कृति, मठों की शांति और पहाड़ी हवा आपकी थकान दूर कर देगी। यहां आपकी 8 दिनों की यात्रा खत्म होगी और फिर घर वापसी की तैयारी करें।