
Jharkhand Foundation Day: झारखंड को अक्सर लोग सिर्फ खनिजों, जंगलों और ट्राइबल कल्चर के लिए जानते हैं, लेकिन इस धरती की असली खूबसूरती उन जगहों में छिपी है, जो अभी भी टूरिज्म की भीड़ से दूर हैं। अगर आप वॉटरफॉल, घने फॉरेस्ट, शांत घाटियों और एडवेंचर का परफेक्ट कॉम्बिनेशन ढूंढ रहे हैं, तो झारखंड की ये 5 अनएक्सप्लोर जगहें आपका दिल जीत लेंगी। यहां का नेचर इतना रॉ और प्योर है कि हर मोड़ पर आपको ऐसा लगेगा जैसे किसी अनटच्ड हैवन में आ गए हों। आज 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस है, ऐसे में चलिए जानते हैं, यहां के हिडन टूरिस्ट स्पॉट के बारे में।
लोध फॉल्स को बहुत लोग जानते तो हैं, लेकिन इसकी असली खूबसूरती उस गहरे जंगल में छिपी है जहां तक बहुत कम टूरिस्ट पहुंचते हैं। चारों ओर फैले साल के पेड़ों के बीच जब 143 मीटर ऊंचा पानी जोर की गर्जना के साथ गिरता है, तो हवा में फैलती पानी की धुंध आपके मन को भीगो देगी।
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झारखंड और बिहार की सीमा पर बसे सिमुलतला को कभी “ईस्ट का स्विट्जरलैंड” कहा जाता है। यहां की पहाड़ियां, ठंडी हवा और घना जंगल ऐसी वाइब देते हैं कि शहर की थकान पलभर में गायब हो जाए।
गुमला का जिला फॉल्स अभी भी ज्यादातर लोगों के लिए ऑफबीट लोकेशन है। यह एक ऐसा वॉटरफॉल है जहां पहुंचते ही ऐसा लगता है जैसे जंगल के बीच किसी सीक्रेट हैडन स्पॉट में आ गए हों। फॉल्स के आसपास की रॉक फॉर्मेशन, नेचुरल पूल और चारों ओर पक्षियों की आवाजें इसे सोलफुल लोकेशन बनाती है।
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नेतरहाट को लोग “क्वीन ऑफ छोटानागपुर” कहते हैं, लेकिन इसका असली जादू सनसेट के समय दिखता है। यहां सूर्यास्त को देखने का अनुभव इतना शानदार है कि एक बार जो यहां आ गए, तो ये लमहा आप जिंदगीभर नहीं भूल सकते। पहाड़ियों पर दौड़ती धुंध, आसमान में फैले केसरिया रंग और जंगल का सन्नाटा, नेतरहाट को पीसफुल हीलस्टेशन बनाता है।
झारखंड के खूंटी जिले में मौजूद तोरपा फॉरेस्ट सिर्फ एक जंगल नहीं, बल्कि एक अनएक्सप्लोर नेचर वंडर है। यहां के घने जंगलों में चलते हुए कभी अचानक हिरण दिख जाता है, तो कभी रंग-बिरंगे पक्षियों की आवाजें मन मोह लेती हैं। यहां की सबसे खास बात यह है कि अभी तक यह जंगल टूरिस्ट की भीड़ से पूरी तरह दूर है। ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग और ट्राइबल कल्चर का असली मजा यही मिलता है।