
भोपाल, मध्य प्रदेश. यह तस्वीर चौंकाती है। क्योंकि आमतौर पर महिलाएं मुंडन नहीं करातीं। कुछ खास धार्मिक या कर्मकांड के दौरान ही ऐसा देखने को मिलता है। लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। यह महिला एक अतिथि विद्वान है, जो 72 दिनों से धरने पर बैठी थी। परमानेंट करने की मांग को लेकर अतिथि विद्वान राजधानी के शाहजहांनी पार्क में धरने पर बैठे हुए हैं।
बुधवार को सरकार के रवैये से निराश महिला आंदोलनकारी ने धरनस्थल पर ही अपना मुंडन करा लिया। इस दौरान उसके चेहरे पर उदासी साफ पढ़ी जा सकती थी। यह उदासी अपनी मांग पूरी न हो पाना और दूसरी अपने लंबे और सुंदर बाल कटवाने..दोनों को लेकर थी। इस मौके पर मीडिया से चर्चा करते हुए डॉ. शाहीन अंसारी ने कहा कि यह आंदोलन हमारे जीवन और मौत से जुड़ गया है। जब तक सरकार अपने वचन पत्र में किए वादे के अनुसार लिखित में आदेश नहीं निकालती, धरना जारी रहेगा।
गुस्सा भी दिखा महिला में..
मुंडन कराने वालीं डॉ. शाहीन खान कटनी जिले के पालू उमरिया सरकारी कॉलेज में हिंदी पढ़ाती हैं। अपनी बात कहते वक्त डॉ. शाहीन की आंखों में गुस्सा भी दिखा। संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ. देवराज सिंह ने बताया कि 26 फरवरी को 4 महिलाएं और 4 मार्च को महिला और पुरुष मुंडन कराएंगे। यह आंदोलन 2 दिसंबर से छिंदवाड़ा से शुरू हुआ था। यानी आंदोलन को भोपाल सहित 90 से ज्यादा दिन हो चुके हैं। बता दें कि इससे पहले 13 जनवरी 2018 को जंबूरी मैदान में धरना दे रही 4 महिला अध्यापकों ने मुंडन करवाकर सबको चौंका दिया था।
मंत्री ने दिया जवाब..
इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार एक-एक करके सबको नियमित करेगी। सरकार ने 1700 शिक्षकों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली है। इसमें 600 शिक्षकों को भर्ती किया जा चुका है।
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