
भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी है। इस पॉलिसी के अनुसार, अब राज्य के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा पर फोकस किया गया है। इसके साथ-साथ ही शैक्षणिक सत्र के बीच में होने वाले ट्रांसफर में भी रोक लगा दी गई है। अब हर साल 15 मार्च से 31 मई के बीच शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तबादला नीति 2022 की घोषणा कर दी गई है। एमपी एजुकेशन पोर्टल पर शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी अपलोड कर दी गई है। यहां से विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। बता दें कि यह पॉलिसी सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी होने वाली ट्रांसफर नीति से अलग है।
तीन साल तक ग्रामीण इलाकों
शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार, नवनियुक्त शिक्षकों को शुरुआती तीन सालों के लिए ग्रामीण इलाकों में पोस्टिंग दी जाएगी। विभाग द्वारा यह फैसला ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर का सुधारने के लिए लिया गया है। अब शिक्षकों को ग्रामीण इलाकों पर रहकर पढ़ाई करानी होगी। इसके साथ ही एक शिक्षक को अपनी रिटायर होने तक 10 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई करानी होगी।
इन शिक्षकों का होगा ट्रांसफर
ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार, 10 साल या उससे अधिक समय से एकी ही संस्था, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों को कमी वाले स्कूल में ट्रांसफर किया जाएगा। ऐसे शिक्षकों को स्वैच्छिक स्थानांरण प्रोसेस में शामिल होने का भी मौका मिलेगा। इसके साथ ही दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों अथवा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में प्रशासकीय रूप से पदस्थ किए गए शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में निश्चित राशि प्रदान की जाएगी।
रिक्त पदों पर स्वैच्छिक स्थानांतरण ऑनलाइन किए जा सकेंगे किन्तु उपलब्ध मानवीय संसाधनों के युक्तम उपयोग सुनिश्चित करने करने उनका समानुपातिक रूप से वितरण करने एवं क्षेत्र विशेष में एकत्रीकरण रोकने के लिए ब्लॉक किया जाएगा।
महिला शिक्षकों को मिलेगी सुविधा
ट्रांसफर पॉलिसी में महिलाओं को विशेष सुविधा देने की सुविधा भी दी गई है। पॉलिसी के अनुसार, स्वयं अथवा परिवार के किसी सदस्य के गंभीर रूप से पीड़ित होने की स्थिति में ट्रांसफर होगा। इसके साथ-साथ विवाह के कारण महिला शिक्षक के पति के निवास या उसके कार्य स्थान पर ट्रांसफर किया जाएगा।
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