दलित विधायक होने से मुलाकात नहीं करते कलेक्टर, इसलिए बंगले के बाहर धरने पर बैठे MLA, अपमानित करने का भी आरोप

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले के चंदला (Chandla) से भाजपा विधायक राजेश प्रजापति (BJP MLA Rajesh Prajapati) ने अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर के बंगले के बाहर धरना दिया। विधायक ने आरोप लगाया कि वे दलित वर्ग से विधायक हैं तो कलेक्टर उनके प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखते और अपमानित करते हैं। कलेक्टर ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में इंतजार कराया और बिना मिले अपने बंगले पहुंच गए। बंगले में भी मिलने से मना करा दिया।

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2021 4:11 AM IST

छतरपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। चंदला (Chandla) से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति  (BJP MLA Rajesh Prajapati)ने कलेक्टर बंगला के बाहर 5 घंटे तक धरना दिया। उनका कहना था कि वे जनता की समस्याएं लेकर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह (IAS Sheelendra Singh) से मिलने पहुंचे थे, लेकिन वे (कलेक्टर) हमारे दलित होने के कारण मुलाकात नहीं कर रहे हैं। विधायक का आरोप है कि जब सत्ता के विधायक से मिलने का समय नहीं है तो आम जनता की क्या समस्याएं दूर होती होंगी। उन्होंने कलेक्टर की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। करीब 5 घंटे धरने के बाद विधायक की कलेक्टर से मुलाकात हुई।

एमएलए प्रजापति का कहना था कि वह दलित हैं, इसके कारण कलेक्टर उनसे नहीं मिल रहे हैं। वह मंगलवार शाम 5 बजे से कलेक्टर से मिलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, उन्होंने समय नहीं दिया। हम अपने क्षेत्र के कुछ मुद्दों को लेकर उनसे मिलना चाहते थे, लेकिन वह मुझसे मिलने से बच रहे हैं। जबकि वह दूसरों से मिल रहे हैं। दलित विधायक की सुनवाई क्यों नहीं हो रही है। बताया गया कि रात 10 बजे के बाद एमएलए और कलेक्टर की मुलाकात हुई और धरना समाप्त हो गया।

यह रहा पूरा घटनाक्रम...
विधायक का ये भी कहना था कि मंगलवार को वह कलेक्ट्रेट में कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे लेकिन वे सीएम की वीडियो कांफ्रेंसिंग में चले गए। प्रजापति ने उनसे बात करने की कोशिश की तो वे उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग से लौटकर आने का कहते हुए वहां से निकल गए। विधायक का कहना है कि इसके बाद उन्होंने कलेक्टर का इंतजार करना उचित समझा और रुक गए। मगर वीडियो कांफ्रेंस से लौटने के बाद कलेक्टर उनसे मिले बिना बंगले चले गए। इसके बाद जब वह पार्टी के मंडल अध्यक्ष और अन्य समर्थकों के साथ बंगले पर पहुंचे तो वहां संतरी ने यह कह दिया कि कलेक्टर साहब बंगले में नहीं हैं। कुछ देर बाद बंगले से आरटीओ निकले तो विधायक ने उनसे साहब के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि साहब भीतर हैं। फिर क्या था, यह सुनकर प्रजापति की नाराजगी सातवें आसमान पर पहुंच गई और उन्होंने धरना शुरू कर दिया। काफी देर बाद कलेक्टर शीलेंद्र सिंह बंगले से बाहर निकले लेकिन विधायक ने उन पर आरोप लगाया कि वे अक्सर उनका अपमान करते हैं। 

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