
भोपाल. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तरह मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने भी लव जिहाद कानून को पास करा लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई। इसके बाद अध्यादेश को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास भेज दिया गया है। बता दें कि वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे कानून मान लिया जाएगा।
सीएम ने कहा-बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि
मध्य प्रदेश सरकार आज से ही लव जिहाद का यह नया कानून लागू करने जा रही है। राजपाल के समक्ष हुई बैठक में मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस कानून में जो व्यक्ति या संस्थाएं मदद करेंगी, वह भी अपराधी माने जाएंगे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि हमारे लिए प्रदेश की बेटियों की रक्षा करना ही सर्वोपरि है।
कोई नाम बदलकर लव करे, गोली मारे, तेजाब फेंके तो सहन नहीं
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि जिस तरह से प्रदेश में मामले सामने आ रहे हैं उनको देखते हुए इस कानून को लाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था। उन्होंने कहा कि कोई नाम बदलकर प्रेम करे, गोली मारे, तेजाब फेंकने की धमकी देकर विवाह करे तो ऐसा लोगों के लिए यह कानून काम करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को लव शब्द से परहेज नहीं है। प्यार तो मां अपने बेटे से करती है। भाई, भाई से भी करता है और पति-पत्नी भी एक दूसरे से करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सबसे कठोर कानून मध्य प्रदेश में होगा
इस कानून में होंगे यह प्रावधान
- लव जिहाद के खिलाफ बने इस कानून के मुताबिक, जो भी धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी बिना आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने में मदद करेगा उसके लिए 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा।
-साथ ही दूसरे धर्म में बिना सरकार की अनुमति के विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी रद्द किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- जो व्यक्ति बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह करेगा उसको कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान होगा।
- यह अपराध गैर जमानती होगा। जिसमें गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और 10 साल की कठोरतम सजा का प्रावधान है।
- इसके अलावा विधेयक में अधिनियम का उल्लंघन करने पर 25 हजार से 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए एक महीने पहले देना होगा आवेदन
इस मामले पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कानून को सख्त करने की बात पहले भी कह चुके थे। अगर किसी को स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन कर शादी करना है तो सम्बंधित शख्स को एक महीने पहले कलेक्टर कार्यालय में आवेदन देना होगा। जिसके बाद सारी कानूनी कार्रवाई हो जाने के बाद उसे इस विवाह की अनुमति दी जाएगी। वहीं बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो यह एक अपराध होगा।
देश में आए दिन सामने आ रहे मामले
बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे लव जिहाद के मामलों ने बड़ी समस्या खड़ी कर रखी है। अक्सर सामने आता है कि मुस्लिम शख्स अपना असली नाम छिपाकर गैर-धर्म की युवती के साथ शादी कर रहे हैं। जिसके खिलाफ कई राज्यों की सरकार कड़ा कदम उठाने वाली हैं।
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