
सतना, मध्य प्रदेश. लॉक डाउन के कारण देशभर में हजारों गरीब मजदूर अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं। गाड़ियां बंद होने और सीमाएं सील होने से वे अपने घरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। लेकिन सैकड़ों मजदूर ऐसे भी हैं, जो पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। वे लगातार चल रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि आज नहीं तो कल, वे अपने घर तक पहुंच ही जाएंगे। ऐसी ही एक मजदूरी फैमिली 5 दिन पहले महाराष्ट्र के नासिक से मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित अपने गांव के लिए निकली है। पति रुक-रुककर पत्नी को पीछे बैठाकर साइकिल खींचता है। पत्नी की गोद में सालभर का बच्चा है। दम्पती का सफर अभी आधा ही हुआ है। यानी गांव तक पहुंचने में अंदाजा 6 दिन और लगेंगे। ज्यों-ज्यों घर करीब आ रहा है, इस दम्पती के चेहरे की चमक बढ़ती जा रही है।
और हम क्या करते फिर..
यह दम्पती नागपुर में मजदूरी करता था। काम बंद होने से रोटी की फिक्र होने लगी। कुछ दिन जैसे-तैसे चलता रहा, लेकिन फिर सब्र जवाब दे गया। इसके बाद इस फैमिली ने साइकिल से ही अपने घर निकलने की ठानी। महिला ने कहा कि वो लोग कब तक इंतजार करते..ऐसे तो भूखे ही मर जाते।
शिवराज ने कहा कि मजदूरों को खाते में 1000 रुपए डालेंगे..
इस बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर मजदूर के खाते में 1000 रुपए डालेंगे, तो उन्हें खाने की दिक्कत न हो। वहीं, हर राज्य मजदूरों के लिए खाने और रुकने का इंतजाम भी कर रहे हैं, लेकिन मजदूर चिंतित हैं। बेकार बैठे मजदूरों को अब अपने घरों की चिंता सताने लगी है।
मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।