क्या आपको सुषमा स्वराज के बारे में ये दिलचस्प बातें पता हैं

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वे 67 साल की थीं। सुषमा स्वराज अपने खान-पान और पहनावे को लेकर एक अलग तरह की सोच रखती थीं। उनकी इस आदत के चलते स्टाफ भी बहुत खुश रहता था।

नई दिल्ली. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जिंदगी से जुड़ीं उनकी कई आदतें ऐसी थीं, जो अब किस्से-कहानियों के रूप में सुनाई जाएंगी। सुषमा स्वराज को ज्योतिष में अटूट विश्वास था। वे वक्त और नजाकत के हिसाब से ड्रेस तय करती थीं। जैसे पाकिस्तान दौरे पर उन्होंने खासतौर से हरी साड़ी पहनी थी। हालांकि तब उनकी आलोचना भी हुई थी। दरअसल, जब सुषमा पाकिस्तान गईं, उस दिन बुधवार था। सुषमा अकसर बुधवार को हरी साड़ी पहनती थीं। हालांकि उन्हें सफेद रंग सबसे ज्यादा पसंद था।

उनसे जुड़े लोग बताते हैं कि सुषमा हफ्तेभर की अपनी साड़ियों का रंग तय कर देती थीं। वे उसी रंग के हिसाब से खाने की चीजें भी बनवाती थीं। जैसे बुधवार को वे हरा रंग पहनती थीं, तो हरी चीजें खाती थीं। अगर दाल खा रही हैं, तो उसमें हरा धनिया अधिक डलवाती थीं। सुषमा को गोभी के पराठे बहुत पसंद थे। पूर्व विधायक जितेंद्र डागा बताते हैं कि सुषमा जब भी भोपाल आती थीं, तो उनके लिए स्पेशली गोभी के पराठे बनवाए जाते थे। वे लंच और डिनर में सिर्फ एक रोटी लेती थीं। उनकी आदतों के मुताबिक किचन भी हमेशा रेडी रहता था। चूंकि उनके स्टाफ को पता होता था कि मैडम किस दिन क्या खाएंगे-पहनेंगी, इसलिए उन्हें तैयारी करने में कोई परेशानी नहीं होती थी।

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सुषमा ने बेच दिया था भोपाल का घर
सुषमा स्वराज 2009 और 2014 दो बार विदिशा से सांसद चुनी गईं। पूर्व विधायक जितेंद्र डागा बताते हैं कि जब सुषमा को भोपाल से चुनाव लड़ाने की बात चली, तो हमने कहा था कि वे यहां से 2 लाख वोटों से जीतेंगी। उन्हें मध्य प्रदेश लाने का श्रेय शिवराज सिंह चौहान को जाता है। उन्होंने ही बदलते राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए लालकृष्ण आडवाणी से सुषमा स्वराज का मध्य प्रदेश भेजने का आग्रह किया था। तब शिवराज मप्र के मुख्यमंत्री थे। हालांकि सुषमा स्वराज पहले भोपाल से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं, पर तत्कालिक परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने विदिशा से चुनाव लड़ना मंजूर किया। सुषमा के खिलाफ दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह मैदान में खड़े हुए थे।  2009 में विदिशा से सांसद का इलेक्शन लड़ने से ठीक एक साल पहले सुषमा स्वराज ने भोपाल में अपना डेरा डाल लिया था। उन्हें प्रोफेसर कॉलोनी में बंगला अलॉट किय गया था।

सुषमा स्वराज और आडवाणी की रथ यात्रा

जितेंद्र डागा वर्ष 2006 की घटना बताते हैं, जब वे सुषमा स्वराज से मिलने पहुंचे थे। सुषमा ने कहा कि उन्हें तमिलनाडु से राज्यसभा भेजा जा रहा है। हालांकि कुछ दिनों बाद उन्होंने फोन करके बताया कि वे मध्य प्रदेश से राज्यसभा जाएंगी। स्वराज ने भोपाल में एक मकान खरीदा था। बात 25 साल पुरानी है, लेकिन बाद में उसे बेच दिया। सुषमा स्वराज ने  20 नवंबर 2018 को इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। जब आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी, तब सुषमा भोपाल से ही रथ में बैठकर पटना तक गई थीं।

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