ग्वालियर में अजीबोगरीब मामला: पत्नी के पुरुष जननांग, संबंध नहीं बना पाता पति, SC 6 सप्ताह में जवाब मांगा

याचिकाकर्ता ने बताया कि उसकी पहली बीवी का बीमारी से निधन हो गया है। उसके दो बच्चे हैं। घर में बच्चों की देखभाल करने में परेशानी आ रही थी। ऐसे में पहली पत्नी के पिता ये रिश्ता लेकर आए थे। 2016 में दूसरी शादी हुई। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 13, 2022 6:29 AM IST / Updated: Mar 13 2022, 12:01 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां रहने वाले एक युवक ने दावा किया है कि उसकी पत्नी पुरुष है। उसका प्राइवेट पार्ट पुरुष का है। मैं उसके साथ जीवन कैसे गुजार सकता हूं? शादी के लिए पहली पत्नी के पिता दोषी हैं। उन्होंने धोखा देकर शादी करवाई है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पीड़ित पति ने कोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि उसकी पहली बीवी का बीमारी से निधन हो गया है। उसके दो बच्चे हैं। घर में बच्चों की देखभाल करने में परेशानी आ रही थी। ऐसे में पहली पत्नी के पिता ये रिश्ता लेकर आए थे। 2016 में दूसरी शादी हुई। बाद में पता चला कि उसकी दूसरी पत्नी महिला नहीं, पुरुष है। इसके बाद शादी को शून्य घोषित करने के लिए फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की।

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पत्नी के पुरुष जननांग, संबंध नहीं बना पाता पति
पति का कहना था कि पत्नी के पास पुरुष जननांग है, इसलिए वह शारीरिक संबंध नहीं बना पाता है। अगस्त 2017 में उसने दोषियों के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन, एफआईआर दर्ज नहीं हुई। जबकि पत्नी ने उसके खिलाफ दहेज अधिनियम में केस दर्ज करवा दिया। मई 2019 में ग्वालियर के मजिस्ट्रेट ने मामला संज्ञान लिया और पत्नी के खिलाफ समन जारी किया। बाद में ये केस मध्य प्रदेश हाईकोर्ट पहुंचा और जून 2021 में फैसला आया। इसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया था। 

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पीड़ित ने सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट पेश की
पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट पेश की है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि हमारे पास मेडिकल साक्ष्य हैं। एक अपूर्ण हाइमन के कारण पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित पक्ष से पूछा कि क्या आप कह सकते हैं कि वह महिला नहीं है, क्योंकि एक अपूर्ण हाइमन है। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके अंडाशय सामान्य हैं। हाइमन डेवलप नहीं है। इंपरफोरेट हाइमन नहीं है, जिसमें बिना खुले हुए हाइमन महिला के प्राइवेट पार्ट को पूरी तरह से बाधित कर देता है। 

सुप्रीम कोर्ट से 6 सप्ताह में जवाब मांगा
पीड़ित पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट एनके मोदी पैरवी कर रहे हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पत्नी, ससुर और मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है। इससे पहले हाइकोर्ट में मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि ‘पत्नी' के पास न सिर्फ एक हाइमन है, बल्कि एक प्राइवेट पार्ट पुरुष का भी है। 

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