Hamidia Fire Case: 4 लाख मुआवजे के लालच में 2 दिन की बच्ची को बताया लापता, पुलिस ने ढूंढा तो घर में मिली

Published : Nov 11, 2021, 03:50 PM IST
Hamidia Fire Case: 4 लाख मुआवजे के लालच में 2 दिन की बच्ची को बताया लापता, पुलिस ने ढूंढा तो घर में मिली

सार

भोपाल में हमीदिया के कमला नेहरू अस्पताल (Kamla Nehru hospital) में अग्निकांड में अब तक कुल 12 बच्चों की मौत हो चुकी है। सरकार ने मृतक बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। इसी के लालच में एक परिवार ने अपनी 2 दिन की बच्ची के अग्निकांड के बाद गायब होने की शिकायत कर दी और घंटों हंगामा किया। पुलिस ने नवजात बच्ची की तलाश की और घर जाकर जांच तो तो वह सुरक्षित मिल गई।  

भोपाल। राजधानी के कमला नेहरू अस्पताल में आगजनी (Kamala Nehru Hospital Fire) की घटना के बाद एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां कथित रूप से 4 लाख रुपए मुआवजे के लालच (Compensation) में एक महिला ने अपनी नातिन को घर में छिपा दिया और अस्पताल पहुंचकर हंगामा कर दिया। पुलिस ने दूसरे दिन मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस को ये बच्ची घर में सुरक्षित मिली। पुलिस ने दावा किया है कि आग की घटना के बाद सरकार ने मृतक बच्चों के परिजन के लिए 4-4 लाख रुपए मुआवजा की घोषणा की थी। इसी राशि को पाने के लिए इस परिवार ने बच्ची को घर में छिपा दिया था और अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे थे।

पुलिस अब इस परिवार पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि अगर अस्पताल प्रबंधन की तरफ से शिकायत की जाती है तो गलत तथ्य देने के आरोप में परिवार पर केस दर्ज किया जाएगा। दरअसल, गांधी नगर इलाके के बड़वाई में रहने वाले मंसूर की पत्नी अर्शी ने 8 नवंबर को बेटी को जन्म दिया था। इसके बाद उसे कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था। उसी दिन अस्पताल में आग लग गई तो बच्ची की मां अस्पताल से छुट्टी कराकर घर लौट गईं। घटना के दूसरे दिन बच्ची की नानी हसमा और मां अर्शी अस्पताल पहुंची और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। नानी हसमा का कहना था कि उसकी नातिन आग की घटना के बाद लापता हो गई है। उसने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि मेरी बच्ची वॉर्ड में भर्ती थी, उसको लौटा दें। मामले में शिकायत मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जांच शुरू की, लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चल रहा था। 

बिना किसी फॉर्मल्टी के बच्ची को लेकर घर आ गई थी महिला
मामले में गांधीनगर पुलिस को अवगत कराया गया। एसएचओ अरूण शर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह गांधी नगर पुलिस की टीम मंसूर के घर पहुंची तो देखा कि बच्ची अंदर सुरक्षित है। मां अर्शी भी बच्ची के साथ मिलीं। पूछताछ में अर्शी ने बताया कि अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद वह बच्ची को लेकर घर चली आई थी। अस्पताल में बच्ची को लेकर कोई फॉर्मल्टी नहीं की गई थी। बाद में वह मंगलवार सुबह अपनी मां के साथ अस्पताल पहुंचीं और टैग के सहारे बच्ची की पहचान करने लगीं। साथ ही दावा कर दिया कि बच्ची चिल्ड्रिन वार्ड से लापता हो गई है। 

बच्ची का नानी ने अस्पताल प्रबंधन में शिकायत की थी। अब उसकी जांच अस्पताल की तरफ से की जा रही है। बताया जा रहा है कि बच्ची की नानी ने मुआवजे की लालच में आकर ऐसा किया है।- राम स्नेही शर्मा, एएसपी  

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