भक्त मंदिरों में भगवान के सामने हीटर जलाए जा रहे हैं और उन्हें गर्म वस्त्र धारण करा रहे हैं। खजराना गणेश के अलावा उनकी पत्नी रिद्धि-सिद्धि पुत्र शुभ-लाभ के साथ ही उनके वाहन मुषक को भी रोज रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक ऊनी और गर्म पोशाकें पहना देते हैं।
इंदौर (मध्य प्रदेश). इस साल नवंबर तक हुई बारिश के बाद अब ठंड भी अपने पूरे शबाब पर है। इस सर्दी से इंसान ही नहीं भगवान भी ठंड से ठिठुरने लगे हैं। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के भक्तों ने भगवान को सर्दी से बचाने के लिए तरह-तरह के जतन करना शुरू कर दिए हैं।
भगवान गणेश पहना रहे हैं स्वेटर
भक्त मंदिरों में भगवान के सामने हीटर जलाए जा रहे हैं और उन्हें गर्म वस्त्र धारण करा रहे हैं। जिस तरह हम सभी ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं, उसी तरह इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश को ठंड से बचाने के लिए ऊनी वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं।
रात 11 से सुबह 6 बजे तक पहना देते हैं गरम कपड़े
भक्त आस्था और भावना से खजराना गणेश के अलावा उनकी पत्नी रिद्धि-सिद्धि पुत्र शुभ-लाभ के साथ ही उनके वाहन मुषक को भी रोज रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक ऊनी और गर्म पोशाकें पहना देते हैं। पुजारी अशोक भट्ट का कहना है कि वैसे तो भगवान को ठंड नहीं लगती है। लेकिन खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश के लिए खास तौर से ऊनी रजाई तैयार की गई है। माघ शीर्ष मास की ग्यारस से भगवान गणेशजी को ऊनी और कंबल की पोशाकें रोज रात ग्यारह बजे धारण कराईं जाती हैं और सुबह 6 बजे इन्हें निकाल दिया जाता है।