भारत के सबसे अधिक प्रसिद्ध बाघों में एक मुन्ना, जिसके माथे पर धारियों से ‘‘केट’ और ‘पीएम’ शब्द उभरते हैं, को कान्हा टाइगर रिजर्व से यहां वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया है।
भोपाल. भारत के सबसे अधिक प्रसिद्ध बाघों में एक मुन्ना, जिसके माथे पर धारियों से ‘‘केट’ और ‘पीएम’ शब्द उभरते हैं, को कान्हा टाइगर रिजर्व से यहां वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया है। इस टी-17 नम्बर वाले 16 वर्षीय बाघ, जिसे मुन्ना नाम से जाना जाता है, को पूर्वी मध्य प्रदेश के मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व (केटीआर) से भोपाल स्थित वन विहार के वन्य प्राणी सुधार केन्द्र में लाया गया है। मुन्ना ने वहां जंगल में 18 अक्टूबर को 14 वर्षीय एक लड़की पर हमला कर उसे मार दिया था। इसी बाघ ने इस माह के प्रारंभ में रिजर्व से सटे जंगल में एक आदमी पर हमला किया था। वन विहार के पशु चिकित्सक अतुल गुप्ता ने कहा, ‘‘मुन्ना जल्द ही नये वातावरण में अपने आप को ढाल लेगा। फिलहाल उसे एक बाड़े में रखा गया है। वह कौतूहल से अपने आस पास की जगह का अवलोकन कर रहा है।’’
केटीआर में पर्यटक सबसे अधिक मुन्ना को ही देखना चाहते थे क्योंकि उसके माथे पर धारियों से ‘केट’ और ‘पीएम’ आकृति उभरती है। यहां भी वन विहार में उसे देखने की चाहत में लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक अधिकारी ने बताया कि मुन्ना को सुरक्षा के मद्देनजर कान्हा से वन विहार शिफ्ट किया गया है। वृद्धावस्था के कारण मुन्ना के चारों केनाइन (दांत) घिस चुके हैं और उसे वन्य-प्राणियों का शिकार करने में कठिनाई होती है।
कम उम्र के नर बाघों के साथ वर्चस्व की लड़ाई से बचने के लिये इसने पिछले दो साल से अपना क्षेत्र कोर से हटाकर बफर एवं सामान्य वन मण्डल क्षेत्र में कर लिया था। आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचने से इसने पिछले दो साल में करीब 26 पालतू पशुओं का शिकार किया, वहीं दो लोगों को घायल भी किया। गत 18 अक्टूबर को मुन्ना ने ग्राम झांगुल की कुमारी अमृता को मारकर अपना पेट भरने की कोशिश की थी। ऐसे में उसे वहां से हटाकर वन विहार पहुंचा दिया गया। कान्हा से भोपाल तक के सफर के दौरान मुन्ना शांत रहा। उसे वन विहार के बाड़े में रखकर उसकी देखभाल की जा रही है। बाड़े में आते ही मुन्ना ने कमरे का पूर्ण निरीक्षण किया, पानी पिया और शांत भाव से बैठ गया।