शिक्षक दिवस स्पेशलः जबलपुर के गांव के घर की दीवारों को ही टीचर ने बना दिया विद्यालय, अब सब कर रहे तारीफ

देशभर में 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम उन सभी टीचरों का सम्मान करते है, जिन्होंने हमारे अच्छे भविष्य के लिए अपना योगदान दिया। इसी कड़ी में हम मध्यप्रदेश के जबलपुर जिलें के एक ऐसे शिक्षक के बारे में जानेगे, जिन्होंने पूरे गांव को ही विद्यालय में बदल दिया।

जबलपुर (मध्य प्रदेश). देशभर में कुछ एक स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो देश के लगभग सभी प्रदेशों के हर सरकारी स्कूल के हालात एक जैसे ही है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों के हालात किसी से छुपे नहीं है। लेकिन जबलपुर जिलें के इस विद्यालय ने मिशाल कायम की है। क्योंकि अभी तक आपने गांव में स्कूल है यहीं सुना होगा लेकिन यहां पूरा गांव ही स्कूल है, जहां बच्चे जब चाहे पढ़ सकते है। यहां चारो तरफ शिक्षा का माहौल देखने को मिलता है। और यह सब एक शिक्षक की जिद के कारण संभव हो पाया। जिसके प्रयासों के कारण गांव की हर दीवार ब्लैक बोर्ड और विद्यालय बन गई।

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दीवारों पर बना दी ज्ञानवर्धक पेटिंग
जबलपुर से 40 किमी दूर स्थित धरमपुरा गांव में सरकारी शिक्षक दिनेश मिश्रा जो कि प्रायमरी टीचर के रूप में नियुक्त है उन्होंनें पूरें गांव की दीवारों पर रंग रोगन करा कर कुछ न कुछ नॉलेज वाली बाते लिखवा दी इसके साथ ही पेटिंग बनवाई है। जिसके कि बच्चे हर समय कुछ न कुछ सीख सके। उनके इस अनोखे  काम की हर कोई तारीफ कर रहा है।

लोगों  से ली इजाजत, फिर किया यह अनोखा प्रयोग
शिक्षक दिनेश मिश्रा ने अपनी इस पहल को पूरा करने के लिए उन्होंने गांव के लोगों से मुलाकात की। क्योंकि सभी के मकान लगभग पीएम आवास योजना के तहत ही बने थे और पक्के मकान होने से यह काम करना थोड़ा आसान था। उन्होंने लोगों को इस काम के बारे में बताया फिर उनके सहयोग से काम करते हुए वहां की दीवारो पर पेंट करवाया। इसके बाद वहां ज्ञानवर्धक बाते लिखवाई, नॉलेज देने वाली पेंटिंग बनवाई। यह देख वहां लोगों में शिक्षा की अलग पहल देखने को मिली। साथ ही वहां के छोटे बच्चों ने शिक्षक के इस काम की तारीफ करी।

कोरोना के समय आया था आइडिया
शिक्षक दिनेश मिश्रा को यह विचार कोरोना के समय आया था, क्योंकि गांव में लगभग सभी मजदूर वर्ग के लोग कमाने जा रहे थे साथ में स्कूल बंद  होने के बाद वो अपने बच्चों को भी साथ ले जाने लगे। इसे देखते हुए शिक्षक को लगा की बच्चे एजुकेशन दूर हो जाएंगे। इसी पर सोचते हुए उन्हे ख्याल आया कि क्यो न बच्चो को दीवारो के जरिए शिक्षित किया जाए। बस फिर क्या था लग गए वो इस काम में और दीवारों को ही ब्लैक बोर्ड और विद्यालय बना दिया। अब इसकी सहायता से बच्चों के साथ बड़े भी ज्ञान वर्धक बाते सीख रहे है।

लोगों ने कहा- ऐसे शिक्षक सभी जगह होने चाहिए
दीवारों के माध्यम से गांव के बच्चों को पढ़ाने का जो काम जो काम शिक्षक दिनेश मिश्रा कर रहे हैं, उसकी सराहना पूरे जबलपुर में हो रही है। शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा के इस कार्य ने देश के भावी भविष्य को तरासने के साथ ही विद्या के मंदिर को संवारकर गुरु का मान बढ़ाया है।  हर कोई कह रहा है कि ऐसे ही शिक्षक की जरूरत आज हर स्कूल में है। लोग कह रह हैं कि इस तरह के शिक्षक पूरे देश के स्कूलों में हो जाए तो गवर्नमेंट विद्यालयों का हुलिया ही बदल जाए।

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