
भोपाल, मध्य प्रदेश. राजनीति को समझ पाना आम जनता के लिए वाकई टेड़ी खीर है। वे जिन नेताओं को एक-दूसरे का दोस्त समझते हैं, कभी-कभार वे जानी-दुश्मन निकलते हैं। वहीं, जिन्हें वे धुर विरोधी समझते हैं, अकसर वे दोस्त होते हैं। ऐसा ही कुछ दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और मौजूदा राजनीति में खासा दखल रखने वाले सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में देखने को मिले। सिंधिया बेशक भाजपा में आ गए हैं, लेकिन पायलट से उनकी मित्रता अटूट बनी हुई है।
सिंधिया के गढ़ में गरजे सचिन...
राजस्थान की गहलोत सरकार के लिए कुछ समय पहले तक सिरदर्द बने रहे सचिन पायलट अब मप्र विधानसभा के लिए होने जा रहे उपचुनाव (Madhya Pradesh Assembly by-election) में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं कर रहे हैं। खास बात यह है कि उन्होंने सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल में दनादन 9 सभाएं कर डालीं। यह और बात रही कि उन्होंने एक भी सभा में सिंधिया का नाम नहीं लिया। यानी सिंधिया के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला। बुधवार को जब मीडिया ने सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि वे अपनी पार्टी का काम करने आए हैं। वहीं सिंधिया ने कहा कि वे अपना काम कर रहे हैं और कांग्रेस अपना।
एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से मिले
इससे पहले जब सचिन पायलट मंगलवार को ग्वालियर एयरपोर्ट पर उतरे, तब वहां संयोग से उनकी मुलाकात सिंधिया से हो गई। दोनों गर्मजोशी से मिले। सिंधिया ने सचिन पायलट को क्वालिटी वाला मास्क लगाने की सलाह दी। सचिन ने उनकी सलाह पर अमल भी किया। बता दें कि सचिन ने 2 दिनों में शिवपुरी, मुरैना, भिंड और ग्वालियर में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं कीं। कोरोना काल में सचिन पायलट का लुक भी बदल गया है। उनकी दाढ़ी बढ़ चुकी है। उसकी सफेदी परिपक्वता की निशानी दिखा रही है।
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