मदरसों में हिजाब लगाएं, हमें मतलब नहीं, कॉलेजों का अनुशासन बिगाड़ोगे तो बर्दाश्त नहीं, भोपाल सांसद को सुनिए

Published : Feb 17, 2022, 08:22 AM ISTUpdated : Feb 17, 2022, 11:04 AM IST
मदरसों में हिजाब लगाएं, हमें मतलब नहीं, कॉलेजों का अनुशासन बिगाड़ोगे तो बर्दाश्त नहीं, भोपाल सांसद को सुनिए

सार

सांसद प्रज्ञा ने कहा, सनातन की संस्कृति है कि नारी की पूजा की जाती है। हमारे यहां दुष्टों को मारने के लिए देवता देवी का आह्वान करते हैं। इसलिए नारी का स्थान सर्वोपरि है। जहां नारी का इतना श्रेष्ठ स्थान है वहां हिजाब पहनने की क्या जरूरत?

भोपाल : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में हिजाब विवाद पर बयानबाजी लगातार जारी है। एक के बाद एक नेता इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अब इसी में भोपाल (Bhopal) से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) का नाम जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि पर्दा उससे करना चाहिए, जो हमारी तरफ कु-दृष्टि रखता है। एक बात तो निश्चित है कि हिंदू कु-दृष्टि नहीं रखते। जहां नारी की पूजा नहीं होती, वो स्थान श्मशान के बराबर है। जहां नारी की पूजा होती है, वहीं सनातन होता है। यह सनातन की संस्कृति है कि नारी की पूजा की जाती है। हमारे यहां दुष्टों को मारने के लिए देवता देवी का आह्वान करते हैं। इसलिए नारी का स्थान सर्वोपरि है। जहां नारी का इतना श्रेष्ठ स्थान है वहां हिजाब पहनने की क्या जरूरत?

ज्ञान में हिजाब चलाने लगे तो बर्दाश्त नहीं
मंगलवार को बरखेड़ा में राम मंदिर कैंपस में सनातन महापंचायत में पहुंची बीजेपी सांसद ने इसको लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हिजाब तो घरों में पहनना चाहिए। हमारे घरों में, सनातनियों के घरों, हिंदुओं के घरों में तो मां को पूजा जाता है। स्त्रियों की भी पूजा होती है। लेकिन जिनके घरों में बहन का नाता नहीं है। जहां बुआ की लड़की, मौसी की लड़की, बाप की पहली बीबी की लड़की, सबसे शादी कर सकते हैं, तो उन्हें घर में हिजाब पहनना चाहिए। साध्वी प्रज्ञा ने आगे कहा कि आपके मदरसे होते हैं। आप मदसरों में हिजाब लगाएं या कुछ और लगाएं, हमें क्या मतलब। आप वहां के अनुशासन में रहिए। लेकिन अगर आप पूरे देश में जितने विद्यालय हैं, महाविद्यालय हैं, उनका अनुशासन बिगाड़ोगे और ज्ञान का अनुशासन बिगाड़ोगे, ज्ञान में हिजाब चलाओगे तो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा।

 

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किससे डर, किससे पर्दा?

प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि बुढ़ापा छिपाने के लिए खिजाब लगाया जाता है जबकि चेहरा छिपाने के लिए हिजाब का। इसे चेहरे पर डालकर निकलना चाहिए, लेकिन क्यों, आखिर किससे डर है? ये पर्दा किससे है? बाहर निकलकर तुम सूरत दिखाओ या ना दिखाओ। आप खूबरसूरत हैं या बदसूरत हैं। हमें क्या लेना-देना लेकिन जहां हिजाब पहनना है, वहां खिजाब लगाकर रखेंगे। जहां खिजाब लगाना है, वहां हिजाब लगाकर रखेंगे। भाई उल्टा करोगे, तो उल्टा ही होगा न। हिंदुस्तान सबसे सुरक्षित है, इसलिए यहां हिजाब नहीं लगाना चाहिए।

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क्या है हिजाब विवाद

कर्नाटक में 5 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा सभी स्कूलों और कॉलेजों में एक ड्रेस कोड अनिवार्य करने का आदेश जारी कर दिया था। सरकार ने समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने का हवाला देकर ड्रेस कोड लागू कर दिया था। हालांकि, कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के बाद कर्नाटक में एक विवाद छिड़ गया। आदेश के बाद, मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पहने कुछ लड़कियों को परिसर में प्रवेश से इनकार कर दिया गया। इससे छात्रों और कॉलेज प्रशासन के बीच गतिरोध पैदा हो गया। 7 फरवरी को, उन्हें अंततः कॉलेज में प्रवेश करने की अनुमति दी गई, लेकिन उन्हें अलग-अलग कक्षाओं में बैठने के लिए कहा गया। इसके बाद पूरे देश में यह मामला तूल पकड़ने लगा। मामला सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट में भी है। फिलहाल, कोर्ट इस मामले में सुनवाई लगातार कर रहा है। 

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