बैगा आदिवासी बाहुल्य गौरा कन्हारी गांव में पीएम आवास योजना के नाम पर दर्जनों कच्चे मकान बना दिए गए। आवास योजना के तहत बने इन मकानों में छत के नाम पर बल्लियों के सहारे खप्पर बिछाए गए हैं तो वहीं कुछ मकानों में सीमेंट और कंक्रीट की जगह पर मिट्टी का उपयोग किया गया है।
डिंडौरी : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। यहां के डिंडौरी (Dindori) जिले के एक गांव में पीएम आवास योजना के नाम पर एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक मकान कच्चे और झोपड़ीनुमा बना दिए गए हैं। कुछ मकानों में तो सीमेंट और कांक्रीट की बजाय मिट्टी का इस्तामाल किया गया है। वहीं मामला सामने आने के बाद प्रशासन इसकी जांच की बात कह रहा है। जब इसको लेकर तहसीलदार से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया।
क्या है पूरा मामला
डिंडौरी जिले के बैगा आदिवासी बाहुल्य गौरा कन्हारी गांव में पीएम आवास योजना के नाम पर दर्जनों कच्चे मकान बना दिए गए। आवास योजना के तहत बने इन मकानों में छत के नाम पर बल्लियों के सहारे खप्पर बिछाए गए हैं तो वहीं कुछ मकानों में सीमेंट और कंक्रीट की जगह पर मिट्टी का उपयोग किया गया है। एक मकान में तो छत के नाम पर सिर्फ घास-फूस और पत्ते ही नजर आ रहे हैं। हितग्राही का कहना है कि वो छत वाला पक्का मकान बनाना चाहता था लेकिन मटेरियल की किल्लत और सरपंच सचिव के द्धारा आवास निर्माण में जल्दबाजी कराने के चक्कर में उसे मजबूरन कच्चा मकान बनाना पड़ गया। जब वो पक्का मकान बनाने के लिए अड़ गया था तो सरपंच सचिव आवास योजना से उसका नाम काटने के लिए धमकाने लगे।
रिश्वत के साथ मुर्गा भी ले गए अधिकारी
आवास योजना के लाभार्थियों का कहना है कि योजना का लाभ दिलाने के नाम पर सरपंच और सचिव से लेकर तमाम जिम्मेदारों ने उनसे रिश्वत ली। इतना ही नहीं पंचायत सचिव के द्वारा अधिकारियों को खुश करने के नाम पर लाभार्थियों से मुर्गा भी ऐंठ कर ले जाने की बात सामने आ रही है। आवास योजना के एक हितग्राही ने बताया की योजना का लाभ दिलाने के नाम पर सरपंच को 5 हजार, सचिव ने 5 हजार, रोजगार सहायक को 3 हजार, फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी को एक हजार और पंचायत के ही एक कर्मचारी को एक हजार घूस देना पड़ा है। इतना ही नहीं अधिकारीयों को खुश करने के नाम पर पंचायत सचिव हितग्राही से एक मुर्गा मांगकर ले गया, इसके बाद उसे आवास योजना की चारों किश्तें मिल पाई हैं।
दूसरे मकान का फोटो दिखाकर किश्त जारी
सरपंच पति बुध सिंह ने आवास योजना में हुई गड़बड़ी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि किसी दूसरे पक्के मकानों की फोटो को दिखाकर आवास योजना के तहत बने कच्चे मकानों की किश्तें जारी कर दी गई हैं। बुध सिंह की माने तो पंचायत सचिव ने उनके सगे भाई से 30 हजार रुपए रिश्वत लिए हैं। वहीं गौरा कन्हारी गांव में ही छोटे सिंह नाम के लाभार्थी के मकान की हालत और भी खराब है। भ्रष्टाचार के चलते पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृत मकान की छत के लिए पैसे खत्म होने पर उसने घास-फूस और पेड़ के पत्तों से ही छप्पर बनाने को मजबूर होना पड़ा है।
अफसर कह रहे जांच की बात
वहीं गड़बड़ी उजागर होने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के परियोजना अधिकारी सीएस सिंह और इलाके के नायब तहसीलदार गिरीश धुलेकर जांच की बात की है। हालांकि सवाल पूछे जाने पर उन्होंने गोलमोल जवाब देकर किनारा कर लिया। अब हितग्राही न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
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