सार

बिहार में अपराध का ये अनोखा मामला स्थानीय अखबारों की सुर्खियों में छाया रहा। स्थानीय अखबारों के मुताबिक, समस्तीपुर लोको डीजल शेड के रेलवे कर्मचारी राजीव रंजन झा ने पूर्णिया कोर्ट स्टेशन यार्ड में रखा एक पुराना भाप का इंजन बेचा है। मामले के मुख्य आरोपी इंजीनियर ने कथित तौर पर एक सुरक्षाकर्मी और स्टेशन के अन्य अधिकारियों की मदद से इस घोटाले को अंजाम दिया है। 

समस्तीपुर। बिहार (Bihar) में जालसाजी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां समस्तीपुर (Samastipur) में जालसाजों ने फ्रॉड की सारी हदें पार कर दीं और ट्रेन का इंजन (Train Engine) ही बेच दिया। इस पूरे घोटाले में समस्तीपुर रेलवे डिवीजन के एक इंजीनियर की मुख्य भूमिका पाई गई है। इंजीनियर पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर रेलवे लोकोमोटिव इंजन स्क्रैप कारोबारी को बेच दिया। मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें शेड पर तैनात इंजीनियर और सुरक्षाकर्मियों के अलावा सात लोगों के नाम हैं।

बिहार में अपराध का ये अनोखा मामला स्थानीय अखबारों की सुर्खियों में छाया रहा। स्थानीय अखबारों के मुताबिक, समस्तीपुर लोको डीजल शेड के रेलवे कर्मचारी राजीव रंजन झा ने पूर्णिया कोर्ट स्टेशन यार्ड में रखा एक पुराना भाप का इंजन बेचा है। मामले के मुख्य आरोपी इंजीनियर ने कथित तौर पर एक सुरक्षाकर्मी और स्टेशन के अन्य अधिकारियों की मदद से इस घोटाले को अंजाम दिया है। इंजीनियर ने डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दरोगा से साठगांठ की और शेड के आवक रजिस्टर में स्क्रैप के अंदर एक पिकअप वैन की एंट्री भी करवा दी। लेकिन, वहां तैनात एक महिला सिपाही की समझदारी से ये मामला उजागर हो गया। मामला खुलते ही इंजीनियर फरार हो गया।

फर्जी आदेश दिखाया और ले गया रेल इंजन
समस्तीपुर लोको डीजल शेड के इंजीनियर राजीव रंजन झा ने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश दिखाया और रेलवे मंडल के पूर्णियां कोर्ट स्टेशन के पास सालों से छोटी लाइन का खड़ी भाप का पुराना इंजन स्क्रैप कारोबारी को बेचा। राजीव ने 14 दिसंबर को हेल्पर सुशील यादव के साथ पूर्णियां कोर्ट स्टेशन पर इस भाप इंजन को गैस कटर से कटवाया और वहां से इसकी ढुलाई शुरू करवाई। जब पूर्णियां आरपीएफ आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान ने इंजन वहां से ले जाने रोका तो उसने समस्तीपुर डीजल शेड के डीएमई का आदेश दिखाकर कहा कि इस इंजन का कबाड़ डीजल शेड ले जाना है। 

महिला सिपाही की समझदारी ने पोल खोल दी
अगले दिन डीजल शेड में तैनात सिपाही संगीता ने स्क्रैप लोड में पिकअप वैन की एंट्री देखी, लेकिन उसे कहीं भी लाया गया स्क्रैप नहीं दिखा। संगीता ने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। तब मामले की जांच शुरू हुई। मंडल सुरक्षा आयुक्त एके लाल ने बताया कि एमएम रहमान ने डीजल शेड से जारी पत्र के बारे में जांच शुरू की तो शेड के डीएमई ने इस तरह का कोई भी पत्र जारी करने की बात से इनकार कर दिया। 

इंजीनियर हो गया फरार, दरोगा सस्पेंड
दो दिन की जांच के बाद भी जब स्क्रैप लोड वाहन की जानकारी नहीं मिली तो केस दर्ज किया गया। इसमें इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। घटना के बाद से राजीव झा की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही हैं। डीआरएम आलोक अग्रवाल के आदेश पर इंजीनियर और हेल्पर के अलावा डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दरोगा वीरेंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

चौकी प्रभारी ने दर्ज कराई एफआईआर
चौकी प्रभारी के मुताबिक, 14 दिसंबर को आरोपी इंजीनियर ने गैस कटर की मदद से इंजन को अलग किया था। सुशील नाम के एक हेल्पर ने उसकी मदद की थी। काम रोकने के लिए कहा गया तो इंजीनियर ने फर्जी पत्र दिखाकर अधिकारी को समझा दिया कि इंजन से निकले स्क्रैप को वापस डीजल शेड में भेजना है। अगले दिन जब अधिकारी ने रजिस्टर की जांच की और पिकअप वैन की एंट्री देखी तो उसे शेड में इंजन से निकला कोई स्क्रैप नहीं मिला, जब उसने इसके बारे में अधिकारियों को सूचित किया तो उन्होंने पाया कि डीएमआई द्वारा इंजन को काटने का कोई आदेश नहीं दिया गया था।

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