तड़पती बहन को लेकर भटकता रहा भाई, किसी नें नहीं किया इलाज..हाथ-पैर जोड़े..नहीं पसीजा किसी का दिल

एक तरफ जहां डॉक्टर दिन रात ड्यूटी करके कोरोना के मरीजों की जान बचा रहे हैं, वहीं इसी बीच मध्य प्रदेश से एक अमानवीयता की खबर सामने आई है। जहां एक महिला को हार्ट अटैक आने के बाद उसके घरवाले इलाज के लिए भटकते रहे, लेकिन किसी भी अस्पताल ने उसे भर्ती नहीं किया।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2020 6:30 AM IST / Updated: Sep 06 2020, 12:16 PM IST

भोपाल. एक तरफ जहां डॉक्टर दिन रात ड्यूटी करके कोरोना के मरीजों की जान बचा रहे हैं, वहीं इसी बीच मध्य प्रदेश से एक अमानवीयता की खबर सामने आई है। जहां एक महिला को हार्ट अटैक आने के बाद उसके घरवाले इलाज के लिए भटकते रहे, लेकिन किसी भी अस्पताल ने उसे भर्ती नहीं किया।

किसी भी अस्पताल ने नहीं किया भर्ती...
दरअसल, मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना इंदौर शहर में सामने आई। शनिवार तड़के महिला वकील अचला जोशी को हार्ट अटैक आया था। उसके परिजन उसे लेकर जिस भी अस्पताल में लेकर गए उन्होंने इलाज करने से मना कर दिया। काफी मिन्नतें करने के बाद एक हॉस्पिटल ने स्ट्रेचर पर ही ऑक्सीजन लगाई। लेकिन वक्त पर इलाज नहीं मिलने के चलते महिला ने दम तोड़ दिया।

भाई बोला-हम मिन्नतें करते रहे..किसी ने नहीं सुनी
मृतक महिला के भाई अरविंद जोशी ने बताया कि उसकी बहन को रात दो बजे से बेचैनी हो रही थी। जब घबराहट ज्यादा बढ़ गई तो हम सुबह 6 बजे बॉम्बे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने बेड खाली नहीं होने को बोल इलाज करने से मना कर दिया। फिर आधा घंटे बाद अरबिंदो अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने भी भर्ती करने से इंकार  कर दिया। फिर हमने उनके हाथ-पैर जोड़े तो उन्होंने स्ट्रेचर पर ही ऑक्सीजन सपोर्ट दी, लेकिन करीब 8 बजे उनकी मौत हो गई।

बॉम्बे हॉस्पिटल के जीएम ने दी यह सफाई
वहीं जब मामला मीडिया तक पहुंचा तो बॉम्बे हॉस्पिटल के जीएम राहुल पाराशर मामले पर सफाई देने लगे। कहा-अस्पताल में बेड खाली नहीं थे, इसलिए हमने महिला को भर्ती नहीं किया। नहीं तो हम  बेड उपलब्ध होने पर किसी को मना नहीं करते हैं।

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