मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले के बाद ब्लैकमेलिंग और मानव तस्करी में फंसे इंदौर के बिजनेसमैन जीतू के करीबी नरेंद्र रघुवंशी ने मंगलवार को अपने घर पर फांसी लगा ली। मृतक जीतू का होटल माय होम संभालता था। यहां से पुलिस ने 67 लड़कियों का छुड़ाया था। मानव तस्करी के इस मामले में मृतक भी आरोपी था। वो पैरोल पर जेल से बाहर था।
इंदौर, मध्य प्रदेश. मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान लाने वाले हनी ट्रैप में फंसे अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले बिजनेसमैन और मीडिया हाउस के मालिक जीतू के करीब नरेंद्र रघुवंशी ने मंगलवार को फांसी लगा ली। मृतक जीतू का होटल माय होम संभालता था। इसी होटल से पुलिस ने 67 लड़कियों का छुड़ाया था। मानव तस्करी के इस मामले में मृतक भी आरोपी था। वो पैरोल पर जेल से बाहर था। मृतक ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें पुलिस-प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से परेशान होकर जन देने की बात लिखी है। मृतक ने अपने अंग दान करने की बात भी कही है। रघुवंशी को अपने बीमार पिता को देखने पैरोल मिली थी। यह मंगलवार को ही खत्म हो रही थी।
25 साल से जीतू के साथ था
नरेंद्र 25 साल से जीतू के साथ काम कर रहा था। बता दें कि हनी ट्रैप मामला सामने आने के बाद 30 नवंबर, 2019 की रात पुलिस ने जीतू के ठिकाने पर कार्रवाई की थी। पुलिस ने इंदौर के गीता भवन स्थित माय होम होटल पर छापा मारा था। यहां से नेपाल आदि की 67 युवतियों को छुड़ाया था। पलासिया थाने में जीतू और अन्य के खिलाफ मानव तस्करी और प्रिवेंशन ऑफ इम्पोरल ट्रैफिकिंग एक्ट (पीटा) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। प्रशासन ने जीतू के अवैध होटल सहित कई सम्पत्तियों को गिरा दिया था। आरोप है जीतू इन लड़कियों को बंधक बनाकर जिस्मफरोशी कराता था। पुलिस ने जीतू को 28 जून को गुजरात के अमरेली जिले में उसके पुश्तैनी गांव से गिरफ्तार किया था।
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