मध्य प्रदेश के धार से ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक युवक की मौत के बाद परिजनों ने शव को कीचड़ में सुला दिया, उनको उम्मीद थी ऐसा करने से युवक जिंदा हो जाएगा। वह काफी समय तक वहीं बैठे रहे।
धार (मध्य प्रदेश). साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि इंसान चांद तक पहुंचने लगा है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अभी भी जादू-टोना और अंधविश्वास की जंजीरों से जकड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश के धार से ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक युवक की मौत के बाद परिजनों ने शव को कीचड़ में सुला दिया, उनको उम्मीद थी ऐसा करने से युवक जिंदा हो जाएगा। वह काफी समय तक वहीं बैठे रहे।
हादसे के बाद इलाके में मचा हड़कंप
दरअसल, अंधविश्वास का यह मामला धार जिले के सागोर गांव का है। जहां बुधवार शाम एक मकाना का निर्माणा चल रहा था। जिसमें काम काम कर रहे दो लोग बिजली के करंट की चपेट में आ गए। जिसमें से सलामान नाम के युवक की मौत हो गई। वहीं साथी इरफान इस घटना में गंभीर रुप से घायल हो गया। इस घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया और मौके पर भीड़ जमा हो गई।
सांस दोबारा चलने के लिए कीचड़ में शव को सुलाया
घटना की जानकारी लगते ही दोनों युवक के परिजन मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में इरफान को स्थानीय अस्पताल में भर्ती करा दिय गया। वहीं मृतक के परजिनों सलमान के शव पर कीचड़ लपेट वहीं मिट्टी में सुला दिया। उनको लगता था कि ऐसा करने से उनका मरा हुआ बेटा फिर से जिंदा हो जाएगा। जबकि पुलिस ने पहुंचकर उनको ऐसा करने से बहुत समझाया और कहा कि यह सब अंधविश्वास है। ऐसे कोई जिंदा नहीं होता है। लेकिन वह नहीं माने और शव कीचड़ में डालकर बैठे रहे।
टीआई के समझाइश के बाद माने परिजन
सिपाहियों की बात नहीं मानने के बाद टीआई राजेंद्र सिंह भदौरिया घटना स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने मृतक के परिजनों और ग्रामीणों काफी समझाया। कहा कि आज तक कोई भी मरा हुआ व्यक्ति जीवित नहीं हुआ है। तब कहीं जाकर शव को पुलिस को सौंपा गया। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।