सार
मध्य प्रदेश के दमोह के आदिवासी बाहुल्य इलाके जो तस्वीर सामने आई है, वह बेहद शर्मनाक है। जो डिजिटल युग में पूरे देश को लज्जित करती है। जहां अच्छी बारिश की उम्मीद में छोटी-छोटी बच्चियों को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया गया।
दमोह (मध्य प्रदेश). अच्छी बारिश के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जादू-टोना और अंधविश्वास का सहारा लिया जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश के दमोह के आदिवासी बाहुल्य इलाके जो तस्वीर सामने आई है, वह बेहद शर्मनाक है। जो डिजिटल युग में पूरे देश को लज्जित करती है। जहां अच्छी बारिश की उम्मीद में छोटी-छोटी बच्चियों को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया गया।
मासूम बच्चियों के साथ की शर्मनाक काम
दरअसल, यह मामला दमोह जिले के बनिया गांव का है। जहां पर अंधविश्वास के नाम पर अश्लीलता का अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला। यहां सूखे जैसी स्थिति से राहत पाने और बारिश के देवता को खुश करने के लिए पहले नाबालिग लड़कियों के कपड़े उतारे गए। फिर इसी अवस्था में घर-घर जाकर भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं बच्चियों के कंधे पर मेंढकी को टांगा गया।
शासन-प्रशासन में मचा हड़कंप
बता दें कि इस शर्मनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो जैसे ही जिला प्रशासन तक पहुंचा तो हडकंप मच गया। दमोह के पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने पर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
बाल आयोग ने कलेक्टर को दिए आदेश
वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने भी इस घटना पर आपत्ति जताई है। आयोग ने कलेक्टर से इस मामले में नोटिस भेजकर कार्रवाई करने के की मांग की है। साथ ही कहा गया है कि क्या कार्रवाई हुई, इसको लेकर आयोग ने 10 दिनों के अंदर बच्चियों का एज सर्टिफिकेट भी पेश करने को कहा है।