MP में पुलिस की हैवानियत: Corona मरीज को जानवरों की तरह पीटा, मां-बहन पर बरसाए डंडे

मध्य प्रदेश में एक बार फिर पुलिस की हैवानियत सामने आई है। इंदौर के बाद खंडवा में खाकी वर्दी को शर्मसार किया है। यहां पुलिसवालों ने एक कोरोना संक्रमित मरीजों के घर पहुंचकर उसकी जानवरों की तरह लाठी-डंडों से पिटाई की।

Asianet News Hindi | Published : Apr 11, 2021 2:15 PM IST / Updated: Apr 12 2021, 10:08 AM IST

खंड़वा. मध्य प्रदेश में एक बार फिर पुलिस की हैवानियत सामने आई है। इंदौर के बाद खंडवा में खाकी वर्दी को शर्मसार किया है। यहां पुलिसवालों ने एक कोरोना संक्रमित मरीजों के घर पहुंचकर उसकी जानवरों की तरह लाठी-डंडों से पिटाई की। जो भी उसे बचाने आया मां-बहन और पिता को भी बेहरमी से पीटा। सिपाहियों ने महिलाओं पर भी जमकर लाठियां बरसाईं। युवक की गलती यह थी कि वह पॉजिटिव होने के बाद अस्पताल नहीं गया था।...

मरीज के माता-पिता और बहन पर बरसाए डंडे
दरअसल, रविवार को खंडवा स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमित मरीज को लेने के लिए उसके घर पहुंची हुई थी। इसी दौरान युवक ने हॉस्पिटल जाने से इंकार कर दिया और विवाद हो गा। इसके बाद हेल्थ टीम ने पुलिस को सूचना देकर मौके पर बुला लिया। फिर पुलिसकर्मियों का जो चेहरा सामने आया वह शायद ही किसी ने कभी देखा होगा। जहां संक्रमित, उसके माता-पिता और बहन पर इतने डंडे बरसाए कि जैसे वह कोई बड़े अपराधी हो। इतना ही नहीं पुलिस ने पीड़ित परिवरा के खिलाफ मामला तक दर्ज कर लिया।

अब पुलिस को मिल रहीं गालियां
जैसे ही इस घटना की जानकारी ग्रामीणों को पता लगी तो उन्होंने थाने का घेराव कर लिया। वहीं मारपीट के दौरान किसी ने पुलिस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जिसे देखकर लोग पुलिस के इस जानवरों से जैसे व्यवहार पर कई तरह के कमेट्स और गालियां तक दे रहे हैं। मामले की जानकारी जब स्थानीय स्थानीय पंधाना विधायक राम दंगोरे को लगी तो उन्होंने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई गलत है। सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित करवाएंगे। 

यह है पूरा मामला
बता दें कि यह पूरा मामला थाना छैंगांवमाखन के गांव सिरसोद बंजारी का है। जहां के लोगों ने बताया कि चार दिन पहले गांव का एक युवक संक्रमित पाया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे लेने के लिए आई। जहां परजिनों ने कहा कि वह घर पर ही उसका इलाज कर लेंगे, क्योंकि युवक की मां खुद आशा कार्यकर्ता है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि वह कोरोना की सभी गाइडलाइन का पालन भी करेंगे। साथ ही परिवार का कोई भी लोग 7 दिन तक घर से बाहर नहीं निकलेगा। बस इसी बात पर हेल्थ टीम और पीड़ित परिवार का विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस तक आ गई।
 

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