कोरोना के डर से शहर से गांव आ रहे थे मजदूर, घर से कुछ ही दूर 3 की मौत..छाती चीर चुके थे लोहे के पाइप

यह हादसा रविवार दोपहर सतना के अमरपाटन थाना क्षेत्र में नेशनल हाइवे-10 पर हुआ। जहां कुछ लोग महाराष्ट्र से एक ट्रॉले में लिफ्ट लेकर आ रहे थे। इस ट्रॉले में सीवर लाइन के लोहे के पाइप लदे हुए थे। इसी दौरान खुटहा गांव के पास सामने से आ रहे एक ट्रैक्टर को टक्कर मारने के बाद ट्रॉला पलट गया। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 11, 2021 1:35 PM IST / Updated: Apr 11 2021, 08:44 PM IST

सतना (मध्य प्रदेश). देश में लोगों को कोरोना संक्रमण एक बार फिर डराने लगा है, पिछली बार की तरह इस बार भी मजदूर वर्ग शहरों को छोड़कर अपने गांव लौटने लगे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगने के भय से कुछ लोग सतना लौट रहे थे, लेकिन घर से कुछ ही दूर पहले उनका एक्सीडेंट गया और तीन लोगों की मौत हो गई। यानि घर की दहलीज पर पहुंचने ही वाले थे कि वह दुनिया छोड़ गए।

घर के पास आकर ही तोड़ दिया दम
दरअसल, यह हादसा रविवार दोपहर सतना के अमरपाटन थाना क्षेत्र में नेशनल हाइवे-10 पर हुआ। जहां कुछ लोग महाराष्ट्र से एक ट्रॉले में लिफ्ट लेकर आ रहे थे। इस ट्रॉले में सीवर लाइन के लोहे के पाइप लदे हुए थे। इसी दौरान खुटहा गांव के पास सामने से आ रहे एक ट्रैक्टर को टक्कर मारने के बाद ट्रॉला पलट गया। इस दौरान मजदूर पाइपों के नीचे दब गए और वह निकल नहीं पाए। 

छाती चीरकर पेट में घुसे लोहे के पाइप
राहगीरों ने  डायल 100 पर पुलिस को सूचना दी जिसके बाद  क्रेन की मदद से पाइपों के नीचे दबे लोगों को निकाला। लेकिन जब तक देर हो चुकी थी, नीचे दबे हुए लोगों की सांसे थम चुकी थीं। उनकी हालत देख रोंगटे खड़े हो गए। क्योंकि पाइप छाती को चीरते हुए उनके पेट में घुसे हुए थे। मरने वाले लोग सतना जिले के मुकुंदपुर बेला के रहने वाले थे। कुछ लोगों ने बताया की हादसे वाली जगह से मृतकों का गांव 10 किलोमीटर रह गया था। वह घर पहुंचने ही वाले थे कि हादसे के शिकार हो गए।

लिफ्ट लेकर आखिरी सफर पर निकले मजदूर
ट्रॉला चला रहे ड्राइवर ने बताया कि वह पाइप लोड कर हाइवे के रास्ते प्रयागराज जा रहा था। रास्ते में श्रमिकों ने हमसे लिफ्ट मांगी, कहने लगे कि बस नहीं चल रही है भैया घर जाना है छोड़ दो। पहले तो हमने मना किया, लेकिन उनकी हालत देख दया आ गई। लेकिन हमें क्या पता था कि वह हमारी गाड़ी में आखिरी सफर कर रहे हैं।

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