मध्य प्रदेश के सीधी थाने में पत्रकारों के कपड़े उतरवाने पर थानाध्यक्ष ने कहा-आत्महत्या न करें इसलिए उतरवाया

मध्य प्रदेश के सीधी कोतवाली में पत्रकारों को गिरफ्तार कर नंगा करके जेल में डालने के मामले में कोतवाली प्रभारी ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से उनके कपड़े उतरवाए गए ताकि वह आत्महत्या न कर सकें। 

Dheerendra Gopal | Published : Apr 8, 2022 12:49 AM IST / Updated: Apr 08 2022, 08:07 AM IST

भोपाल। एक 36 वर्षीय पत्रकार ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक थिएटर कलाकार की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे और सात अन्य लोगों के कपड़े उतार दिए गए (Stripping journalist in Sidhi Police Station) और उनकी पिटाई कर दी गई। कथित घटना 2 अप्रैल को हुई और गुरुवार को तब सामने आई जब आठ गिरफ्तार लोगों की अर्ध-नग्न तस्वीरें वायरल हुईं। 

YouTube चैनल चलाने वाले पत्रकार कनिष्क तिवारी (Kanishka Tiwari) ने कहा कि उन्हें, कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अन्य थिएटर कलाकारों को 2 अप्रैल को सीधी पुलिस स्टेशन में थिएटर कलाकार नीरज कुंदर की गिरफ्तारी के विरोध में गिरफ्तार किया गया था।

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कपड़े उतारे गए और फिर पुलिस ने की पिटाई

तिवारी ने आरोप लगाया कि थाने में उनके और अन्य लोगों के कपड़े उतारे गए और उनकी पिटाई की गई। बकौल कनिष्क तिवारी “पुलिस ने मेरे कपड़े उतारे और मेरी पिटाई की। उन्होंने तस्वीरें लीं और उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की कोशिश की…, अतीत में मैंने कई खुलासे किए थे, अपने YouTube चैनल पर एक स्थानीय विधायक के सड़क बनाने और निवासियों को पानी उपलब्ध कराने में विफलता की स्टोरी भी की थी।"

पुलिस ने दी सफाई...

पुलिस के अनुसार, कुंदर को भारतीय जनता पार्टी विधायक केदारनाथ शुक्ला (MLA Kedar nath Shukla) और उनके बेटे गुरु दत्त के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से अश्लील टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीधी कोतवाली प्रभारी मुकेश सोनी (Mukesh Soni) ने बताया कि इंद्रावती नाट्य संस्थान (एक स्थानीय नाटक संस्थान) के निदेशक कुंदर को शुक्ला और उनके बेटे को लगातार बदनाम करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। कुंदर ने इसके लिए एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाया था। उसे 2 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत गिरफ्तार किया गया था और आईटी अधिनियम की धारा 66 सी और 66 डी के तहत कार्रवाई की गई थी।

पुलिस ने कहा कपड़े उतरवाना सामान्य बात

सोनी ने पत्रकार के इस आरोप को खारिज कर दिया कि गिरफ्तार किए गए सभी आठ लोगों को पुलिस ने पीटा। उन्होंने कहा, 'उनकी जांच के लिए उनके कपड़े उतार दिए गए और यह सामान्य है... थाने में उनकी पिटाई नहीं की गई। सोनी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि यह कहना गलत होगा कि आरोपी नग्न थे। ट्वीट की गई एक क्लिप के अनुसार, "वे अपने अंडरवियर में थे," पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि उनके कपड़े हटा दिए गए ताकि वे आत्महत्या करने के लिए उनका इस्तेमाल न करें।

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