सार
महाराष्ट्र में नई राजनीतिक खिचड़ी पकनी शुरू हो चुकी है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे और बीजेपी सरकार के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की रात में मुलाकात कई संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को एक अलग चश्में से देख रहे हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र में मनसे (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के साथ बीजेपी (BJP) की नजदीकियां अचानक से बढ़ती दिख रही है। शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के टूटने के बाद अचानक से बाला साहेब के भतीजा राज ठाकरे में भाजपा को संभावनाएं दिखने लगी है। रविवार की देर रात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का राज ठाकरे के घर (Nitin Gadkari meets Raj Thackeray at his residence) पहुंचने से राजनीतिक कयासबाजी भी शुरू हो चुकी है। हालांकि, राज ठाकरे से मिलने के बाद बाहर निकले बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने डिप्लोमेटिक बयान देकर कयासों को और हवा दे दी है।
राज ठाकरे के आवास पर पहुंचे थे नितिन गडकरी
दरअसल, रविवार की देर रात में नितिन गडकरी, मनसे प्रमुख राज ठाकरे के घर पर पहुंचे थे। राज ठाकरे से मुलाकात को नितिन गडकरी ने निजी मुलाकात बताया है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मुलाकात नहीं थी। मेरा, राज ठाकरे और उनके परिवार से बेहतर संबंध रहा है। मैं उनके नए घर को देखने और उनकी माता जी की कुशलता जानने के लिए आया था।
राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में हिंदूवादी राजनीति को दी है हवा
महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक से मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने वापसी की है। चुनावी राजनीति में करारी हार के बाद राज ठाकरे ने हिंदूत्व वाली हार्ड लाइनर पालिटिक्स का राह अपनाया है। बीते दिन उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटवाने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटे तो वह मस्जिदों के गेट पर और अधिक संख्या में लाउडस्पीकर लगवाकर हनुमान चालीसा पढ़वाएंगे। राज ठाकरे के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर धार्मिक कार्ड की एंट्री हो गई है। बाला साहेब ठाकरे के भतीजा राज ठाकरे ने पीएम मोदी के प्रति भी यू टर्न ले लिया है। हमेशा ही पीएम मोदी की मिमिक्री कर आलोचना करने वाले राज ठाकरे ने उनसे महाराष्ट्र के मदरसों में राष्ट्रविरोधी तत्वों के होने का दावा करते हुए रेड कराने की मांग कर दी।
बीजेपी को मिल सकती है संजीवनी
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी हमेशा से शिवसेना के साथ गठबंधन में रही है। लेकिन बीते सालों में दोनों का गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी को महाराष्ट्र में एक हार्डलाइनर पालिटिकल पार्टी की जरूरत है, जिससे उसे मजबूती मिल सके। शिवसेना का साथ छोड़ने के बाद बीजेपी को मनसे में संभावना नजर आ रही है। बाला साहेब ठाकरे के दौर में राजनीतिक रूप से नंबर दो की हैसियत रखने वाले राज ठाकरे काफी दिनों से अपनी पार्टी मनसे के साथ अलग-थलग पड़ गए थे। लेकिन बीजेपी के साथ उनके जाने की संभावनाएं भी उनके स्टैंड से बढ़ती नजर आ रही है। बहरहाल, मनसे प्रमुख के बयान और अचानक रात में नितिन गडकरी के उनके घर पहुंचने से महाराष्ट्र का राजनीतिक तापमान अचानक से काफी बढ़ चुका है।