मध्य प्रदेश में 2 से लेकर 10 दिन तक का लॉकडाउन, देखिए आपका शहर कितने दिन तक रहेगा बंद

रतलाम जिले में 9 अप्रैल शुक्रवार की शाम 6 से 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक सबकुछ बंद किया जा रहा है। वहीं खरगोन, कटनी और बैतूल में 7 दिन तक 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 17 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन रहेगा। छिंदवाड़ा में आज 8 अप्रैल गुरुवार रात 8 बजे से आने वाले 7 दिन के लिए 

Asianet News Hindi | Published : Apr 8, 2021 1:11 PM IST / Updated: Apr 08 2021, 06:46 PM IST

भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोज जिस तरह से मामले सामने आ रहे हैं वह बेहद डरावने हैं। प्रदेश के कुछ शहरों के हालात बहुत बुरे होते जा रहे हैं। सीएम शिवराज ने अफसरों और मंत्रियों के साथ हाई लेवल बैठक कर प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के कई अहम फैसले किए हैं। जिसके तहत रतलाम जिले में 9 दिन का लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है। तो वहीं प्रशासन ने बैतूल में 7 दिन तक सब कुछ पूर्ण रूप से बंद रखने के आदेश जारी कर दिए  हैं। इतना ही नहीं राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र में भी 9 दिनों का लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है। बता दें कि इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में सभी शहरों में शनिवार-रविवार दो दिन का लॉकडाउन की घोषणा की है।

इन शहरों में लगा लंबा लॉकडाउन
रतलाम जिले में 9 अप्रैल शुक्रवार की शाम 6 से 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक सबकुछ बंद किया जा रहा है। वहीं खरगोन, कटनी और बैतूल में 7 दिन तक 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 17 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन रहेगा। छिंदवाड़ा में आज 8 अप्रैल गुरुवार रात 8 बजे से आने वाले 7 दिन के लिए लॉकडाउन लगाया गया है।

कोलार में 2 लाख आबादी 10 दिन तक अपने घर में रहेगी
सीएम शिवराज सिंह ने हाई लेवल बैठक कर राजाधानी भोपाल के कोलार में 9 दिनों का लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है। कोलार के वार्ड 80, 81, 82, 83, 84, 51, 52, 53 को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कोलार में 9 दिनों का लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है। बता दें कि, इस कंटेनमेंट जोन में करीब 2 लाख आबादी रहती है। वहीं प्रशासन ने कोचिंग संस्थान 15 दिनों तक बंद करने का भी आदेश जारी कर दिया है।

सभी सरकारी दफ्तर 5 दिन खुलेंगे
इतना ही नहीं सीएम ने कैबिनेट और राज्य के बड़े अफसरों के साथ मीटिंग कर फैसला किया कि अब राज्य के सभी सरकारी कार्यालय अगले तीन महीनों तक हफ्ते में पांच ही दिन खोलने का फैसला किया है। अब दफ्तरों का टाइम बढ़ाकर सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है, वहीं  शनिवार और रविवार प्रदेश के सभी शासकीय ऑफिस बंद रहेंगे।

बड़े शहरों में 8 अप्रैल से अगले आदेश तक नाइट कर्फ्यू 
एक दिन पहले को ही मध्यप्रदेश के सभी शहरों में नाइट कर्फ्यू की घोषणा की गई थी। इन शहरों में 8 अप्रैल से अगले आदेश तक शिवराज सरकर ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू भी लगाया है। इस दौरान किसी भी तरह की आवाजाही पर प्रतिबंध है, सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी पर स्थानीय प्रशासन ने पाबंदी लगाई हुई है। 

सीएम ने मीटिंग में लिए कई अहम फैसले
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईलेवल की मीटिंग करने के बाद कहा कि हमने प्रदेश के अस्पतालों में एक लाख तक बेड की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है, इनमें से कुछ कोरोना देखभाल केंद्रों में होंगे। हर जिले में सरकार प्राइवेट अस्पतालों से भी बिस्तर ले रही है। प्राइवेट अस्पतालों की ताकत को भी इस्तेमाल में लाया जाएगा। राज्य में ऑक्सीजन सप्लाई का कोई संकट नहीं है। ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनी को आदेश दे दिया है कि वह 24 घंटे अपना काम जारी रखें। इसक अलावा सीएम ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को पूरा करने के लिए हमने रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने का फैसला किया है। हम इसे जहां भी जरूरत होगी, उपलब्ध कराएंगे। दवाओं की कमी न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

एमपी में सिर्फ दमोह में नहीं होगा लॉकडाउन
हैरानी की बात यह है कि सीएम ने शनिवार-रविवार को पूरे एमपी में लॉकाडाउन का फैसला किया है वह दमोह जिले पर लागू नहीं होगा। क्योंकि यहां 17 अप्रैल को विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होना हैं। दमोह में रोजाना 28 लोग संक्रमित हो रहे हैं। सूत्रों को मुताबिक, यहां अब तक 94 लोग कोरोना से दम तोड़ चुके हैं। मौत के मामले में यह जिला प्रदेश में नौवें नंबर पर आ चुका है। लेकिन चनाव के मद्देनजर यहां लॉकडाउन नहीं रहेगा।

24 घंटे में 4 हजार पार हुए कोरोना मरीज
मध्य प्रदेश में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 4 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। वहीं 27 मरीजों की मौत हुई है। सिर्फ अप्रैल माह के आंकड़े करें तो एक सप्ताह में 24,281 कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि 7 दिन में 115 मरीजों की जान जा चुकी है। इंदौर-भोपाल और जबलपुर-ग्वालियर से ही करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। अब छोटे शहरों में भी कोरोना पहुंचने लगा है, कई गांव में भी लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। अगर हालात नहीं सुधरे तो प्रदेशी स्थिति बहुत बुरी होगी।

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