मध्य प्रदेश की सियासत में शुक्रवार को सीएम से मुलाकात को लेकर विवाद सुर्खियों में बना रहा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात का समय नहीं मिलने पर विवाद बढ़ा तो कुछ ही देर में सीएम शिवराज और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच स्टेट हैंगर पर काफी देर तक खड़े होकर बातचीत ने चर्चाओं का रुख मोड़ दिया।
भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में शुक्रवार को सीएम से मुलाकात को लेकर विवाद सुर्खियों में बना रहा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात का समय नहीं मिलने पर विवाद बढ़ा तो कुछ ही देर में सीएम शिवराज और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच स्टेट हैंगर पर काफी देर तक खड़े होकर बातचीत ने चर्चाओं का रुख मोड़ दिया। सोशल मीडिया पर कमलनाथ और दिग्विजय के बीच की सियासत को लेकर बातें होने लगीं। कांग्रेस के एक नेता को सीएम चौहान ने मिलने का समय दिया तो दूसरे का अपॉइंटमेंट ही कैंसिल कर दिया।
दरअसल, शुक्रवार सुबह दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेताओं के साथ सीएम हाउस के बाहर धरना देने निकले। हालांकि, रास्ते में उनके काफिले को रोक दिया गया। इसके बाद वे पैदल ही चल दिए। कार्यकर्ताओं को जगह-जगह रोका जा रहा है। पुलिस ने सीएम हाउस के बाहर बैरिकेड भी लगा दिए हैं। बता दें कि दिग्विजय सिंह ने शिवराज से मिलने का समय मांगा था। आरोप है कि पहले टाल-मटोली की गई, फिर 21 जनवरी को समय दिया गया। उसके बाद आनन-फानन में सीएम ऑफिस ने अपॉइंटमेंट रद्द कर दिया।
दिग्विजय के काफिले को पुलिस ने रास्ते में रोका
दिग्विजय का कहना था कि मैं पूर्व सीएम हूं और राज्यसभा का सदस्य हूं। मैं सीएम चौहान से मिलने का वक्त मांग रहा हूं, वो मिलना नहीं चाहते हैं। मैं डूब प्रभावितों की समस्याओं को सीएम के सामने रखना चाहता हूं। लेकिन, अब जब उन्होंने अचानक कार्यक्रम रद्द कर दिया है तो मैं आज सीएम हाउस के बाहर धरना दूंगा। जब तक सीएम चौहान मिलने नहीं आएंगे, तब तक दरवाजे पर बैठकर अनशन करूंगा। दिग्विजय के इस ऐलान के बाद प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और सीएम हाउस की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई।
भोपाल में स्टेट हैंगर पर मिले शिवराज और कमलनाथ
इधर, दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री शिवराज से मिलने का समय मांगते रहे। सीएम शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर ली। भोपाल में स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुलाकात हुई और आधा घंटे से ज्यादा वक्त तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत होती रही। हालांकि, कमलनाथ का कहना था कि उनका हैलिकॉप्टर लैंड हुआ और शिवराज सामने मिल गए। ये अनायास मुलाकात हुई है। अपॉइंटमेंट जैसी बात नहीं है। बाद में कमलनाथ भी सीएम हाउस के बाहर पहुंचे और दिग्विजय के साथ धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि कांग्रेस डूब प्रभावितों के साथ खड़ी है।
दिग्विजय ने कहा था- सीएम से बिना मिले नहीं लौटूंगा...
दिग्विजय ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि शिवराजजी उफ मामू अहंकार में डूब गए हैं। मैं कल 11.15 बजे उन्हीं के प्रमुख सचिव द्वारा जो मुझे समय दिया गया था उसी समय पर उनके निवास पर पहुंचूंगा। और इंतजार करूंगा। जब मुख्यमंत्री जी को फुरसत मिलेगी, मैं उनसे मिल लूँगा। बिना मिले मैं घर नहीं लौटूंगा। मुझे गिरफ्तार करना है तो कर लीजिए, लेकिन यह बर्ताव भारी पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की समस्या से अवगत कराने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत छोटे प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने का समय देने पर निर्णय लें।
अब सीएम ने 23 जनवरी का समय दिया है
दरअसल, राजगढ़ की सुठालिया, भोपाल और विदिशा जिले की सीमा टेम सिंचाई परियोजना से डूब में आने वाले गांव और विस्थापितों के मुआवजा को लेकर विवाद चल रहा है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने टेम और सुठालिया बांध के मसले पर बात करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था और मिलने का समय मांगा था। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उन्हें CM से मुलाकात के लिए 21 जनवरी को सवा 11 बजे का समय निर्धारित किए जाने की सूचना दी गई थी, जिसे गुरुवार को अचानक निरस्त कर दिया गया। अब मुख्यमंत्री शिवराज ने दिग्विजय को 23 जनवरी दोपहर 12 बजे मुलाकात का समय दिया है।
मुआवज कम बताकर विरोध कर रहे किसान
बता दें कि दोनों परियोजना से 5 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि डूब में आ रही है। डेढ़ हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित होंगे। सरकार इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दे रही है। प्रभावित इसे कम बताकर विरोध कर रहे हैं। इसी मसले को लेकर दिग्विजय सिंह ने सरकार से बात करने की अपील की है।
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