MP Budget 2022 : युवाओं को रोजगार, चावल को GI टैग दिलाने का प्रयास, जानिए किसानों और महिलाओं को क्या मिला

किसानों को एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि दी। सस्ती बिजली के लिए 21 हजार करोड़ की सब्सिडी देने की जानकारी वित्त मंत्री ने दी। बजट भाषण में बताया गया कि 42 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई हो रही है। इसके साथ ही जैविक खेती के लिए प्रयोजन और किसानों की बेहतरी के लिए 1,001 करोड़ रुपए बैंक निवेश होगा। 

भोपाल : मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट (MP Budget 2022) पेश किया। चुनाव से पहले पेश इस आखिरी बजट में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विजन की झलक देखने को मिली। इसमें कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया तो डेवलपमेंट को लेकर कई घोषणाएं की गई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Dewda) के इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया। पढ़िए शिवराज सरकार के इस बजट में महिलाओं, किसानों को क्या मिला और सरकार ने रोजगार के लिए कौन से ऐलान किए...

बजट में किसान के लिए बड़े ऐलान
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश करते हुए किसानों को लेकर बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश सरकार किसानों के साथ है। प्रदेश के कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सरकार कदमताल कर रही है। इस बार बिजली बिल पर 25000 करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान तय किया गया है। इसके साथ ही फसलों, जिसमें खासकर चावल को GI टैग दिलाने प्रयास लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि किसानों को एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि दी। सस्ती बिजली के लिए 21 हजार करोड़ की सब्सिडी देने की जानकारी वित्त मंत्री ने दी। बजट भाषण में बताया गया कि 42 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई हो रही है। इसके साथ ही जैविक खेती के लिए प्रयोजन और किसानों की बेहतरी के लिए 1,001 करोड़ रुपए बैंक निवेश होगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादन योजना की शुरुआत का भी ऐलान किया गया है। बजट में इसे लेकर 1050 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

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सिंचाई के लिए लक्ष्य निर्धारित
सरकार ने सिंचाई के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि 2003 में 7.68 लाख हैक्टेयर में सिंचाई होती थी। आज कुल क्षमता 43 लाख हैक्टेयर से अधिक है। सिंचाई क्षमता को 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदलेखंड की तस्वीर तथा तकदीर बदलेगी। इस परियोजना के लिए 44 हजार 605 करोड़ रुपए स्वीकृति किए हैं। आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से चिंकी-बोरास बैराज परियोजना नरसिंहपुर-रायसेन एवं सांवेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना खरगोन-इन्दौर के निर्माण कार्य जल्द शुरू होंगे। इनसे 2.12 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। 50 मेगावाट बिजली भी बनेगी।

एक लाख मीट्रिक टन के भंडारण की व्यवस्था
वित्त मंत्री ने कहा, उद्यानिकी उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए 'एक जिला एक उत्पाद' योजना के तहत जिलेवार प्रमुख उद्यानिकी उत्पादों का चिन्हांकन किया गया है, जैसे जिला आगर-मालवा में संतरा, इंदौर में आलू, बुरहानपुर में केला, मंदसौर में लहसुन, सिवनी में सीताफल, शहडोल में हल्दी, श्योपुर में अमरूद। इन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में एक नई योजना, निर्यात प्रोत्साहन योजना प्रस्तावित है। प्रदेश में उद्यानिकी फसलों और उनके उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए एक लाख मीट्रिक टन के भंडारण की क्षमता चरणबद्ध तरीके से विकसित की जाएगी। 

पशुपालन को बढ़ावा देंगे
दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) अब देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। इस क्षेत्र में रोजगार संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना प्रस्तावित है। 150 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। पशुओं का उपचार पशुपालकों के पास जाकर घर-घर हो सके, इसके लिए भारत सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। इसमें प्रदेश में 406 नए पशु चिकित्सा वाहनों के माध्यम से पशु चिकित्सक तथा सहयोगी, घर-घर जाकर पशु चिकित्सा सेवा देंगे। इसके लिए 142 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।

रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
ग्वालियर चंबल अंचल के युवाओं को 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति और 11 हजार रोजगार के अवसर खुलने से लाभ मिलेगा। प्रति माह रोजगार दिवस का शुभारंभ, स्वरोजगार के लिए हर महीने ढाई लाख लोगों को लोन दिया। 30 दिन में अपना उद्योग लगाने के लिए सेवा गारंटी अधिनियम की कार्यवाही प्रक्रियाधीन। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 21 हजार 865 करोड़ रुपए की 381 परियोजनाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 60 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध होंगे। सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम उपक्रम विभाग के अंतर्गत 17 कलस्टर विकसित किए जा रहे हैं, उससे 41 हजार नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एथेनॉल और जैव ईंधन इकाइयों को प्रोत्साहन। वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एथेनॉल एवं जैव ईंधन प्रोत्साहन योजना स्वीकृत। प्रदेश के कई शहरों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, इनमें भोपाल, सीहोर, धार, रतलाम, नरसिंहपुर, कटनी और इंदौर शामिल है। नवंबर, 2021 से फरवरी, 2022 तक चार महीने में प्रति माह ढाई लाख लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए ऋण सहायता दी गई है। विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं में 28 लाख 63 हजार 779 व्यक्तियों को 14,556 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। तेंदूपत्ता संग्राहकों की लभांश राशि बढ़ाई गई है। यह रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। प्रदेश के क्षेत्रों में कौशल विकास केंद्र का शुभारंभ होगा।

महिलाओं के लिए क्या खास
यह बजट महिलाओं के उत्थान का बजट है। लाडली लक्ष्मी योजना में लगभग 1400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बहन और बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए आजीविका मिशन में प्रावधान किया गया है। एससी-एसटी और ओबीसी की महिलाओं के स्वरोजगार के लिए भी काम किए जा रहे हैं। यह काम स्व-सहायता समूहों के जरिए हो रहा है। इनको 2000 करोड़ रुपए का क्रेडिट दिया जाएगा।

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