जहां पिता गोवर्धनलाल बजाड़ 40 साल से जिला अदालत में जजो की गाड़ी चलाते हैं। वहीं दादा हरिराम बजाड़ अदालत में चौकीदारी करते थे। अब उन्हीं का यह बेटा चेतन जिला जज बन गया है।
इंदौर. कहते हैं कि कुछ करने का जज्बा हो तो हर राह आसान हो जाती है। बस इरादों में दम होनी चाहिए फिर आपकी कमजोरी भी ताकत बन जाती है। ऐसे एक 26 साल युवक ने गुदड़ी के लालों के लिए प्रेरणा की नजीर पेश की है। इस युवक ने सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। जहां युवक के पिता गोवर्धनलाल बजाड़ 40 साल से जिला अदालत में जजो की गाड़ी चलाते हैं। वहीं दादा हरिराम बजाड़ अदालत में चौकीदारी करते थे। अब उन्हीं का यह बेटा जज बन गया है।
बेटे ने किया पिता का सपना पूरा
ड्राइवर गोवर्धनलाल बजाड़ के बेटे चेतन को 450 में से 257.5 अंक मिले हैं। चेतन ने इस सफलता पूरा श्रेय अपने पिता को दिया है। चेतन ने कहा- पिता ने पहले ही तय कर लिया था कि हम तीनों भाईयों को कानून की पढ़ाई कराएंगे। जहां मैं आज जज बन गया हूं तो वहीं मेरे दोनों भाई राम बजाड़ और योगेश बजाड़ वकील हैं। चेतन कहा- मुझे आज बहुत खुश कि आखिरकार मैंने पिता का सपना पूरा कर दिया है।