फिर संकट में कमलनाथ सरकार, कांग्रेस के 17 विधायक बेंगलुरू पहुंचे, सिंधिया को मनाने की कोशिश जारी

Published : Mar 09, 2020, 06:23 PM ISTUpdated : Mar 09, 2020, 10:18 PM IST
फिर संकट में कमलनाथ सरकार,  कांग्रेस के 17 विधायक बेंगलुरू पहुंचे, सिंधिया को मनाने की कोशिश जारी

सार

मध्य प्रदेश की सियासत में पिछले एक सप्ताह से सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 17 विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की खबरें सामने आ रही हैं।

भोपाल. मध्य प्रदेश की सियासत में पिछले एक सप्ताह से सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां कब क्या हो जाए इस समय कोई कुछ नहीं कह सकता है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 17 विधायकों के बेंगलुरु पहुंच गए हैं। इन सभी MLA के मोबाइल फोन ऑफ बता रहे हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो सिंधिया को मनाने के लिए कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भेज सकती है और उनके खेमे के मंत्री तुलसी सिलावट को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके अलावा ज्योतिरादित्य को मध्यप्रदेश का डिप्टी सीएम बनाए जाने की पेशकश भी की जा सकती है। कमलनाथ ने मंगलवार को 11 बजे अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।  

भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य में चल रही सियासी उठापटक को देखते हुए अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। मंगलवार शाम को होने वाली इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। 

इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस सरकार ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था। बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने हुए अभी 14 महीने ही हुए हैं। लेकिन जिस तरह से प्रदेश कांग्रेस में बगावत के संकेत दिख रहे हैं उससे यह लग रहा है कि कमलनाथ सरकार गिर सकती है।

कांग्रेस के इन मंत्री विधायकों के फोन हैं बंद
जिन विधायकों और मंत्री के फोन बंद बता रहे हैं वह सभी सिंधिया समर्थक हैं। जिनमें कांग्रेस सरकार में  तुलसी सिलावट, मंत्री प्रद्युम्न सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और इमरती देवी के फोन बंद बता रहे हैं। जब मीडिया ने इन सभी नेताओं के ओसडी से इस बारे में बात की तो उनका कहना है कि उनको इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि हम लोग सुबह से ही बंगले पर हैं और यहां कोई नहीं आया।

पीएम मोदी से मिल सकते हैं सिंधिया
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पार्टी से बगावत कर सकते हैं। साथ ही यह खबरे भी सामने आ रही हैं कि सिंधिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सकते हैं। जानकारी के अनुसार, वह दिल्ली पहंच गए हैं।

कांग्रेस सिंधिया को बना सकती है राज्यसभा सदस्य 
वहीं जानकारी सामने आ रही है कि कांग्रेस में बगावत के चलते भाजपा विधानसभा सत्र की शुरुआत में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। वहीं इस संकट को टालने के लिए कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष या राज्यसभा सदस्य बना सकती है।

कमलनाथ सोनिया गांधी से मुलाकात करने गए थे दिल्ली
जानकारी के मुताबिक, एमपी की सियासत के भूचाल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ सोनिया गांधी से प्रदेश की राजनीति के बारे में मुलाकात करने के लिए दिल्ली गए थे। हालांकि वह शाम करीब 6 बजे भोपाल वापस आ गए हैं। मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा- आज कांग्रेस अध्यक्ष से कई प्रदेश की राजनीति को लेकर चर्चा हुई है। उनका मार्गदर्शन मिला है, उसका पालन करूंगा।

इसलिए चल रहा है कि एमपी में सियासत का ड्रामा
वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह सारा ड्रामा राज्यसभा चुनाव के चलते हो रहा है। क्योंकि 26 मार्च को मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। जिस तरह से प्रदेश में विधायकों की संख्या है उससे लग रहा है कि कांग्रेस को दो सीट मिल सकती हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि वह राज्यसभा पहंचे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सीएम कमनाथ और दिग्विजय सिंह उनको राज्यसभा नहीं भेजना चाहते हैं।

क्या है विधानसभा का समीकरण
230 विधानसभा सीट वाले मध्यप्रदेश विधानसभा में इस वक्त 228 विधायक हैं। दो सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। वहीं, दो विधायक बीएसपी के भी हैं जबकि समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। 

इन 9 विधायकों को कैद करने का लगा था आरोप 
कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अपने इन 9 विधायकों को बीजेपी के कब्जे में बताया था। जिसमें अनूपपुर से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, पथरिया से बसपा विधायक रामबाई, सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाहा और सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना को फाइव स्टार होटल में रखे जाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि बाद में यह सभी एमएलए वापस लौट आए थे।

सबसे पहले दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट कर बीजेपी पर साधा था निशाना
दरअसल, दिग्विजय ने पिछले सप्ताह मंगलवार सुबह एक ट्वीट किया था कि बीजेपी के पूर्व मंत्री भूपेद्र सिंह ने रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भगवा पार्टी, कांग्रेस-एसपी-बीएसपी के विधायकों को दिल्ली ले जाने की कोशिश कर रही है। रामबाई के पति गोविंद सिंह ने हालांकि यह कहा कि वह बेटी के इलाज के लिए दिल्ली गई हैं और वह कमलनाथ सरकार के साथ ही हैं। वहीं, इसके पहले कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा था कि बीजेपी विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही हैं।

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