मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव के दोनों फेज के नतीजे आ चुके हैं। सभी दल जीत की खुशी को लेकर जश्न में डूबे हुए हैं। कटनी की मेयर बनीं प्रीती सूरी की सबसे बड़ी जीत है। क्योंकि उन्होंने निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरकर बीजेपी-कांग्रेज को धूल चटाई है।
कटनी. मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव के दोनों फेज के नतीजे आ चुके हैं। इन चुनावों में जहां बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है तो वहीं जीरो पर खड़ी कांग्रेस 5 पर पहुंच गई है। 16 नगर निगम में से भाजपा के खाते में 9, कांग्रेस के 5, आम आदमी पार्टी एक और वहीं एक निर्दलीय प्रत्याशी ने महापौन चुनाव जीता है। लेकिन इन सब में सबसे दिलचस्प जीत कटनी से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली उम्मीदवार प्रीति सूरी की है। जिन्होंने बीजेपी-कांग्रेस के दिग्गजों को करारी हार देते हुए जीत दर्ज की है।
सीएम शिवराज और सिंधिया की रैली के बाद भी कटनी हारी बीजेपी
दरअसल, प्रीति सूरी की कटनी में जीत इसलिए और बड़ी है, क्योंकि यहां पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ताबड़तोड़ प्रचार और रैलियां की थीं। इतना ही नहीं यह इलाका बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा की लोकसभा क्षेत्र में आता है। प्रीती बड़ा उलेटफेर करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद भी अब कटनी की महापौर बन गई हैं।
बीजेपी ने प्रीती को 6 साल के लिए पार्टी से किया था निष्काषित
बता दें कि प्रीति सूरी भाजपा में रह चुकी हैं, निकाय चुनाव से पहले बीजेपी ने उनको 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया है। क्योंकि टिकट नहीं मिलने पर उन्होने पार्टी से बगावत कर ली थी और निर्दलीय पर्चा भर दिया था। तो ऐसे में उन्होंने भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा। अब चुनाव जीतने के बाद मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि प्रीति दोबारा से भाजपा में शामिल हो सकती हैं। हालांकि चुनाव जीतने के बाद ही उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए साफ कर दिया है कि अब उनका भाजपा में वापसी का फिलहाल कोई इरादा नहीं है।
प्रीति सूरी ने पूर्व मंत्री समर्थक रेत कारोबारी की पत्नी को दी करारी हार
प्रीति सूरी ने भाजपा के महापौर पद की उम्मीदवार ज्योति दीक्षित को करीब 5 हजार वोटों से मात दी है। बीजेपी से बगावत करने के बाद उन्होंने पूरी दमखम से चुनाव लड़ा और उन्होंने यह साबित कर दिया कि नगर में उनकी राजनीतिक ताकत किसी से कम नहीं है। बता दें कि ज्योति दीक्षित कटनी के रेत कारोबारी विनय दीक्षित की पत्नी हैं। वह पूर्व मंत्री संजय पाठक का करीबी हैं। क्योंकि कटनी पूर्व मंत्री संजय पाठक की राजनीतिक क्षेत्र है। यहां पाठक ने ज्योति की जीत की गारंटी भी ली थी। लेकिन बीजेपी की बड़े-बड़े नेताओं ने यहां रैलियां भी की, फिर भी वह चुनाव नहीं जीत सकीं। वहीं कांग्रेस भी अपनी मेयर प्रत्याशी श्रेहा खंडेलवाल को जिता नहीं पाई।
कौन हैं कटनी की नई मेयर प्रीती सूरी
बता दें कि प्रीति सूरी कटनी में बीजेपी की सीनियर नेता रही हैं, वह यहां से 2 बार 2009 में लक्ष्मीबाई वार्ड और साल 2014 में पार्षद भी रह चुकी हैं। 2014 में पार्षद बनने के बाद उन्हें नगर निगम में प्रशासनिक शाखा का प्रभारी बनाया गया था। इतना ही नहीं प्रीति सूरी के पति संजीव सूरी साल 2004 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते थे। उन्होंने कोरोना काल में आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे पीड़ितों की मदद करते हुए सामने आईं थीं। प्रीति सूरी अपनी तरफ से शहर को पानी के टेंकर और शव वाहन की फ्री सर्विस भी दे चुकीं हैं। इसी की बदौलत कटनी की जनत ने उन्होंने शहर का प्रथम नागरिक का दर्जा दिया है।